बौखलाए पाकिस्तान ने शिमला समझौता रद्द करने की दी गीदड़भभकी, वाघा बॉर्डर और एयरस्पेस भी किया बंद

पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत द्वारा लिए गए सख्त फैसलों के बाद अब पाकिस्तान ने अपना जवाब दिया है. गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में इस्लामाबाद में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के बाद पाकिस्तान ने भी कई बड़े फैसले लिए. 

  • भारत पाकिस्तान के बीच सभी द्विपक्षीय समझौते स्थगित कर दिए गए.
  • शिमला समझौते 1972 को भी स्थगित करने की चेतावनी दी गई. 
  • वाघा बोर्डर को बंद करने का ऐलान किया गया.
  • पाकिस्तान ने भारत के लिए एयर स्पेस बंद करने का भी फैसला लिया है. 

मालूम हो कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस की बैठक के बाद पाकिस्तान पर 5 सख्त फैसले लिए थे. इसके बाद आज बिहार में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि आतंकियों की मिट्टी पलीद कर दी जाएगी. भारत के फैसले पर अब पाकिस्तान ने भी सख्त फैसले लिए है.

पाकिस्तान ने कहा कि अगर भारत सिंधु जल समझौते को रोकता है तो इसे एक्ट ऑफ वॉर यानी जंग की तरह माना जाएगा.
पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी तरह के कारोबार को बंद करने का फैसला लिया है. साथ ही भारतीय उड़ानों के लिए पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस भी रोक दिया है. इसका मतलब है कि पाकिस्तान के एयरस्पेस से भारतीय विमान उड़ान नहीं भर सकेंगे. 

भारत के एक्शन पर पाकिस्तान ने क्या-क्या फैसले लिए 

– पाकिस्तान ने वाघा बॉर्डर तत्काल प्रभाव से बंद करने का फरमान सुनाया है. भारत से आने-जाने वाले लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. साथ ही जो लोग वैध वीज़ा से पाकिस्तान गए हैं, उन्हें 30 अप्रैल तक वापस लौटने को कहा गया है.
– SAARC वीज़ा योजना के तहत भारतीयों को जारी सभी वीजा रद्द करने का ऐलान लिया गया है. हालांकि सिख तीर्थयात्रियों को छूट रहेगी. बाकी सभी को 48 घंटे में पाकिस्तान छोड़ने का आदेश दिया गया है. 
– इस्लामाबाद स्थित भारतीय सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘अवांछनीय व्यक्ति’ घोषित कर 30 अप्रैल तक देश छोड़ने को कहा गया है.
– पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग में स्टाफ की संख्या 30 तक सीमित की गई. -भारतीय एयरलाइनों के लिए पाकिस्तान का एयरस्पेस तत्काल बंद करने का फैसला लिया गया है.
– भारत के साथ हर तरह का व्यापार, चाहे किसी तीसरे देश के रास्ते से हो, तत्काल रोका गया.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में इस्लामाबाद में हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया. इस बैठक में पाकिस्तान के तीनों सेनाध्यक्ष, सभी प्रमुख मंत्री, सिविल और सैन्य  के टॉप अधिकारी मौजूद थे.