ब्रिटेन में ऋषि सुनक की हार! 10 पॉइंट्स में समझिए ब्रिटेन के चुनाव का पूरा सार,

ब्रिटेन में ऋषि सुनक को करारी हार का सामना करना पड़ा है. लेबर पार्टी की सुनामी के सामने सुनक की कंजर्वेजिव पार्टी टिक नहीं सकी. अब कीर स्टार्मर वहां के नए प्रधानमंत्री होंगे.

ब्रिटेन में ऋषि सुनक को करारी हार का सामना करना पड़ा है. लेबर पार्टी की सुनामी के सामने सुनक की कंजर्वेजिव पार्टी टिक नहीं सकी. अब कीर स्टार्मर वहां के नए प्रधानमंत्री होंगे.

  1. ब्रिटेन में गुरुवार को हुए आम चुनावों (UK Elections) के लिए वोटों की गिनती चल रही है. अब तक आए नतीजों में लेबर पार्टी 650 में से 354 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है, जो कि बहुमत के लिए काफी हैं. वहीं कंजर्वेटिव सिर्फ 74 सीटों पर आगे चल रही है. 
  2. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर लंदन की होलबोर्न और सेंट पैनक्रास सीट पर जीत हासिल कर चुके हैं. 
  3. जानकारी के मुताबिक एग्जिट पोल के नतीजे सामने आने के बाद कंजर्वेटिव पार्टी के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. 
  4. एग्जिट पोल के मुताबिक ब्रिटेन आम चुनाव में लेबर पार्टी भारी जीत हासिल कर रही है. अगर लेबर जीतती है तो कीर स्टार्मर ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनेंगे.लेबर को 410 सीटें और कंजर्वेटिव को 131 सीटें मिलने की उम्मीद है. 
  5. छोटे विपक्षी दल लिबरल डेमोक्रेट्स को 61 सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है,  जिससे स्कॉटिश नेशनल पार्टी 10 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी. 
  6. कीर स्टार्मर ने सोशल मीडिया पर उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने उनको वोट दिया और उनकी बदली हुई लेबर पार्टी पर भरोसा किया. वहीं कंजर्वेटिव पार्टी के जैकब रीस-मोग ने इसे पार्टी के लिए “स्पष्ट रूप से एक भयानक रात” कहा है. 
  7. शेडो चांसलर रेचल रीव्स ने लीड्स वेस्ट और पुडसे में जीत हासिल की.  वहीं सेक्रेट्री ब्रिजेट फिलिप्सन ने सुंदरलैंड साउथ में रात के पहले रिजल्ट में जीत हासिल की. वहीं रिफॉर्म यूके ने शुरुआती नतीजों में अच्छा प्रदर्शन किया है. वह पूरे उत्तर-पूर्व इंग्लैंड में लेबर के बाद दूसरे स्थान पर है. 
  8. कीर स्टार्मर 4 चार साल तक नेता विपक्ष रहे. उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी की नाकामियों और उसके खिलाफ उठने वाले आक्रोश को बहुत करीब से देखा और इसे अपनी पार्टी की मजबूती के लिए इस्तेमाल किया. उनकी लेबर पार्टी ने ‘सत्ता और अर्थव्यवस्था की स्थिरता के लिए जनता लेबर पार्टी को वोट करें’ का नारा दिया. 
  9. वहीं ऋषि सुनक की लोकप्रियता का ग्राफ गिरने की वजह गैरकानूनी घुसपैठ को रोकने में नाकामयाब, कोरोना महामारी के दौरान कमजोर हुई अर्थव्यवस्था को मजबूती न दे पाना, इमिग्रेशन के मुद्दे पर लेबर पार्टी की नीतियों की काट न ढूंढ पाना आदि शामिल है. 
  10. ब्रिटेन चुनाव का आखिरी परिणाम चाहे जो हो, लेकिन लेकिन यह स्थिति उस राजनीतिक उथल-पुथल को दिखाती है.  जिसके चलते ऋषि सुनक अपने ही नेतृत्व के खिलाफ आगे बढ़कर प्रधानमंत्री बने थे.  पीटीआई.