भगोड़े मेहुल चोकसी को भारत लाने की प्रकिया तेज, भारत सरकार ने सौंपे कागजात
नई दिल्ली: भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ एंटीगुआ में प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी है. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी भारतीय जांच एजेंसियों ने उस देश के अधिकारियों को दस्तावेज भेजे हैं ताकि वे इस पर गौर करें और चोकसी को भारत वापस भेजे. मेहुल चोकसी अपने भांजे नीरव मोदी एवं अन्य के साथ दो अरब डॉलर के पीएनबी फर्जीवाड़े मामले में आरोपी है. नीरव को लंदन पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था.
नीरव की यह गिरफ्तारी ब्रिटेन के अधिकारियों को भारत की तरफ से भेजे गए इसी तरह के प्रत्यर्पण अनुरोध के तहत की गई. अधिकारियों ने बताया कि चोकसी के खिलाफ प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी है और हम एंटीगुआ एवं बारबुडा के अधिकारियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कानूनी प्रक्रिया जारी है और जांच एजेंसियां उस देश के अधिकारियों से अगली सूचना मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
उधर भारत ने बैंक घोटाले के आरोपी नीरव मोदी की लंदन में ब्रिटेश अधिकारियों द्वारा की गई गिरफ्तारी का स्वागत किया है और कहा कि वह जल्द से जल्द उसके प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन के साथ बातचीत कर रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले को लेकर लगातार ब्रिटेन से संपर्क में बना हुआ है.
कुमार ने कहा, “हम इस बात का स्वागत करते हैं कि वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के क्रम में ब्रिटेन के अधिकारियों ने नीरव मोदी को गिरफ्तार कर लिया है. ” इस बीच भाजपा ने गिरफ्तारी की सराहना करते हुए इसका श्रेय भारतीय जांच एजेंसियों एवं नरेंद्र मोदी नीत सरकार की “राजनीतिक शक्ति” को दिया.
पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार भगोड़े हीरा कारोबारी के प्रत्यर्पण की याचिका पर ईमानदारी से आगे बढ़ रही है और उन्होंने कहा कि भारत की वैश्विक महत्ता एक “महत्त्वपूर्ण कारक” है. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका श्रेय नरेंद्र मोदी को देने से इनकार कर दिया और कहा कि यह गिरफ्तारी केंद्र ने पहले से तय की हुई थी.