भले ही मामूली, पर सांसदों के बाद कर्मचारियों का भी भत्ता बढ़ा सकता है केंद्र, डीए दो फीसदी बढ़ने के आसार
सांसदों के बाद अब लाखों केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता 2 प्रतिशत बढ़ने के आसार हैं। प्रस्तावित वृद्धि को केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने मंजूरी के लिए जल्द ही पेश किया जा सकता है। इससे केंद्र सरकार के 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगी को फायदा होगा। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता 1 जनवरी 2018 से लागू होगा। अपनी आय पर महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए कर्मचारियों और पेंशनधारियों को महंगाई भत्ता और महंगाई राहत प्रदान की जाती है। मौजूदा समय में महंगाई भत्ता – केंद्रीय कर्मचारियों या पेंशन धारकों को मूल वेतन के अनुपात के रूप में दिया जाता है, जोकि 5 फीसदी है। सरकार के मुताबिक महंगाई भत्ता में वृद्धि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर आधारित फॉर्मूला के अनुसार होगी।
आपको बता दें कि केंद्रीय केबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 28 जून 2016 को ही मंजूरी दे दी थी। सातवें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 14.27 फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी थी। केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए महीने करने को मंजूरी दे दी थी। वहीं फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 फीसदी बढ़ाने को मंजूरी दे दी थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे भी बढ़ाने की स्ट्रेटजी बना रही है। इसके तहत मैट्रिक्स पे लेवल 1 से 5 तक के कर्मचारियों को रखा जाएगा। केंद्रीय कर्माचरियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी को 18,000 रुपए महीने बढ़ाने के बजाय 26,000 रुपए महीने किया जाए। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुने से बढ़ाकर 3.68 गुना कर दिया जाए। आपको बता दें कि वेतन विसंगति को सुलाझाने के लिए नेशनल अनॉमली कमेटी बनाई गई थी। न्यूनतम वेतन मे बढ़ोतरी और फिटमेंट फेक्टर वेतन विसंगति नहीं थे। इसलिए यह नेशनल अनॉमली कमेटी के दायरे में नहीं आए।