भाजपा और कांग्रेस के लिए राजनीतिक अखाड़ा बना अहमदाबाद और मेहसाणा
अहमदाबाद क्षेत्र के साणंद, नारणपुरा और साबरमती की सीटों का गुजरात की राजनीति में काफी ज्यादा महत्व है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में नारणपुरा से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जीते थे। राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित होने के बाद उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी। राज्य की राजनीति में साणंद का भी अपना महत्व है। पिछले विस चुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। वहीं, साबरमती सीट पर भाजपा ने कब्जा जमाया था। मेहसाणा गुजरात के मौजूदा उपमुख्यमंत्री नितिन भाई पटेल की सीट है। इसे देखते हुए भाजपा के लिए यह सीट बेहद महत्वपूर्ण है। यहां से उन्हें कांग्रेस के जीवा भाई अंबालाल पटेल चुनौती दे रहे हैं।
गुजरात विधानसभा चुनाव-2017 भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है। वहीं, कांग्रेस के नए अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए भी इस बार का विधानसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। इसे देखते हुए अहमदाबाद और मेहसाणा का महत्व बहुत बढ़ जाता है। अहमदाबाद को जहां अमित शाह के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है, वहीं मेहसाणा से खुद राज्य के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल आते हैं। अहमदाबाद क्षेत्र में आने वाला साणंद सीट 2012 में कांग्रेस के खाते में गया था। यहां से करम सिंह पटेल जीते थे। इस बार वह पाला बदलकर भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने इस बार यहां से पुष्पाबेन जोरूभाई डाभी को मैदान में उतारा है।
नारणपुरा सीट को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में वह यहां से चुने गए थे। राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद उन्हें यह सीट छोड़नी पड़ी थी। भाजपा ने इस बार यहां से कौशीभाई जमनादास पटेल को उम्मीदवार बनाया है, वहीं कांग्रेस की ओर से नितिन भाई कांतिभाई पटेल उन्हें चुनौती दे रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में साबरमती सीट भी भाजपा के हिस्से गई थी। वहां से भाजपा के अरविंद कुमार पटेल ने कांग्रेस के भरत कुमार पटेल को बड़े अंतर से हराया था। भाजपा ने इस बार अपने मौजूदा विधायक को ही मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने जितूभाई पटेल उन्हें चुनौती दे रहे हैं।