भाजपा के सबसे कद्दावर सीएम बने योगी आदित्यनाथ? केरल के बाद गुजरात भी जाएंगे
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कद बढ़ता नजर आ रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ केरल का दौरा करने के बाद यूपी के सीएम आदित्यनाथ अब गुजरात में “गौरव यात्रा” करने जाएंगे। गुजरात में इस साल के अंत तक विधान सभा चुनाव होने हैं। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया है कि सीएम आदित्यनाथ की गुजरात यात्रा मूलतः राज्य के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की गुजरात “गौरव” यात्रा से प्रेरित है जो उन्होंने साल 2002 में की थी। गुजरात में योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम के संयोजक कौशिक भाई पटेल ने टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार को बताया कि यूपी के सीएम 13 अक्टूबर को दो दिन की यात्रा के लिए गुजरात पहुंचेंगे। गौरव यात्रा 15 अक्टूबर को खत्म होगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह इसके समापन कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।
कौशिक भाई पटेल ने टीओआई को बताया कि साल 2002 के बाद पहली बार गुजरात में “गौरव यात्रा” आयोजित की जा रही है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एक अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्मभूमि करामसद से “गौरव यात्रा” की शुरू की थी। इस यात्रा का नेतृत्व गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल कर रहे हैं। यात्रा में मध्य और उत्तरी गुजरात के 76 विधान सभाओं में बीजेपी नेता जाएंगे। खबर के अनुसार गुजरात बीजेपी नेताओं ने योगी आदित्यनाथ की बढ़ती लोकप्रियता और हिंदुत्ववादी छवि को देखते हुए उनके दौरे की मांग की थी। एक नेता ने टीओआई से बातचीत में दावा किया कि योगी आदित्यनाथ इस समय बीजेपी में नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बाद तीसरे सबसे लोकप्रिय नेता हैं।
गुजरात के बीजेपी नेताओं का मानना है कि योगी आदित्यनाथ इस समय देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं। योगी आदित्यनाथ ने मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश की कमान संभाली थी। यूपी विधान सभा चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को करीब दो-तिहाई बहुमत मिला था। हालांकि सत्ता संभालने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ सरकार विभिन्न मुद्दों पर आलोचनाओं से घिरती रही है। करीब दो दशकों तक योगी आदित्यनाथ का संसदीय क्षेत्र रहे गोरखपुर के अस्पताल में बच्चों की मौत, किसानों को कर्ज माफी, बिजली, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, बीएचयू में छात्राओं पर लाठीचार्ज और प्रदेश पर्यटन विभाग की पुस्तिका से ताजमहन का नाम हटाने जैसे मुद्दों पर योगी आदित्यनाथ सरकार विपक्ष द्वारा घेरी जाती रही है।