भाजपा, बजरंग दल से जुड़े हैं अग्निवेश को पीटने के सभी आरोपी, कोई एनजीओ वाला तो कोई है ठेकेदार
झारखंड के पाकुड़ में पिछले मंगलवार (17 जुलाई) को सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर हुए हमले के 8 नामजद आरोपी भाजपा और बजरंग दल से जुड़े हैं। बता दें कि स्वामी अग्निवेश वहां आदिवासी समूह को संबोधित करने जा रहे थे तभी रास्ते में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला बोल दिया था। राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे। द इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी तहकीकत में पाया कि मामले में दर्ज एफआईआर में आठ नामजदों का सीधा संबंध भाजयुमो, भाजपा और उससे जुड़े संगठनों और संघ से है। इनमें से कोई एनजीओ चलाता है तो कोई व्यवसाय करता है। एफआईआर में नामजद और भाजयुमो के पाकुड़ अध्यक्ष प्रसन्न मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “अग्निवेश लगातार राष्ट्रीय भावनाओं को आहत करने वाले बयान दे रहे थे। वो नक्सलियों का समर्थन कर रहे थे और पत्थलगड़ी का भी समर्थन कर रहे थे। यह उनके मूल कार्य और सामाजिक आंदोलन से हटकर है। वो यहां चर्च के इशारे पर आदिवासियों को भड़काने आए थे।”
अग्निवेश पर हमलावरों में आठ नामजद के अलावा 92 अन्य लोगों पर भी एफआईआर दर्ज हुई है। इंडियन एक्सप्रेस ने आठों नामजदों के बारे में जानकारी के लिए पुलिस अधिकारियों के अलावा बीजेपी के स्थानीय नेताओं से भी बातचीत की। आठ में से तीन नामजद ने भी इंडियन एक्सप्रेस से बात की जबकि पांच से मुलाकात नहीं हो सकी। उन आठों नामजदों के विवरण इस प्रकार हैं:
आनंद तिवारी: ये बीजेपी किसान मोर्चा की झारखंड इकाई का सदस्य है। किसान मोर्चा से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि आनंद तिवारी एक एनजीओ चलाता है और साहेबगंज जिले का निवासी है। मूल पेशा किसानी है।
पिंटू दूबे: ये पाकुड़ जिला बजरंग दल का कन्वेनर है। भाजयुमो से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि पिंटू का अपना एक छोटा से कारोबार है।
अशोक प्रसाद: अशोक हाल ही में पाकुड़ शहर के एक वार्ड से पार्षद चुना गया है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अशोक ने कहा, “मैं भाजपा से जुड़ा हुआ हूं लेकिन उसका स्थाई सदस्य नहीं हूं। मेरे इलाके के लोगों ने जब मुझे सहयोग किया तब मैंने सक्रिय राजनीति में कदम बढ़ाया। आप मुझे किसी भी वीडियो या फोटो में नहीं देख सकेंगे क्योंकि घटनास्थल पर मैं मौजूद नहीं था। मुझे ऐसा लगता है कि कुछ लोग जो मुझसे किसी वजह से नाराज हैं, उन लोगों ने एफआईआर में मेरा नाम डलवाया है।”
प्रसन्न मिश्रा: भाजयुमो के जिला अध्यक्ष प्रसन्न मिश्रा बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ा रहा है। उनका शहर में दवा सप्लाई का छोटा सा कारोबार है। राज्य सरकार ने उन्हें सिद्धू-कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी के सीनेट में सदस्य बनाया है। मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “घटनास्थल पर हमलोगों के पास केवल काले झंडे थे न कि डंडे और रॉड। समस्या तब शुरू हुई जब दस गाड़ियों में सवार होकर और हाथों में तीर-धनुष लेकर लोग अग्निवेश को कार्यक्रम स्थल पर ले जाने लगे। इसी बीच वे लोग प्रदर्शन कर रहे लोगों से धक्कामुकी करने लगे, इसके बाद भीड़़ हिंसक हो उठी। मेरा मानना है कि अग्निवेश समर्थकों ने ही घटना को अंजाम दिया है।”
गोपी दूबे: दूबे भाजपा के जिला महामंत्री हैं। भाजपा कार्यालय सूत्रों से जानकारी मिली कि दूबे इलाके में ठेकेदारी का काम करते हैं।
बलराम दूबे: भाजपा कार्यकर्ता हैं। भाजपा सूत्रों से जानकारी मिली कि ये भी इलाके में ठेकेदारी का काम करते हैं।
बादल मंडल: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य। सक्रिय राजनीति से लेना-देना नहीं।
शिव कुमार: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य पर सक्रिय राजनीति से लेना देना नहीं है।
भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी सुदीप त्रिवेदी के मुताबिक बादल मंडल और शिव कुमार घटना स्थल पर मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा कि पता नहीं किसा आधार पर इनका नाम एफआईआर में दर्ज किया गया है।