भानु सप्तमी 2017: जानिए क्यों किया जाता है इस दिन सूर्य देव का पूजन, क्या है रविवार सप्तमी का महत्व

हिंदू धर्म में हर दिन किसी ना किसी देवता को समर्पित है, इसी तरह रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। रविवार को पड़ने वाली सप्तमी को भानु सप्तमी कहा जाता है। भानु सप्तमी को सूर्य सप्तमी, अचला सप्तमी, पुत्र सप्तमी और आरोग्य सप्तमी कहा जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार भानु सप्तमी माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में हो सकती है। इस दिन के लिए मान्यता है कि भगवान सूर्य सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर इस दिन प्रकट हुए थे। इस दिन को भगवान सूर्य के जन्मदिन के रुप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि रविवार के दिन सूर्य की अराधना करने से लंबी आयु मिलती है। शास्त्रों में माना जाता है कि सूर्य के पूजन से रोगों से मुक्ति मिलती है।

मान्यताओं के अनुसार रथ सप्तमी को सूर्य जयंती के रुप में मनाया जाता है और इस दिन के लिए विशेष पूजा विधि अपनाई जाती है जिसमें स्नान, दान, सूर्य पूजा की जाती है। सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है, ब्राह्मण में सूर्य के चारो तरफ सभी ग्रह चक्कर काटते हैं। इस दिन सूर्य देव को खुश करने के लिए आदित्य ह्रदयं और अन्य सूर्य स्त्रोत पढ़ना और सुनना शुभ माना जाता है। इससे मनुष्य स्वस्थ्य रहता है। मान्यता है कि रोजाना सूर्य को जल चढ़ाने से बुद्धि का विकास होता है और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। भानु सप्तमी के दिन सूर्य का पूजन करने से व्यक्ति की स्मरण शक्ति बढ़ती है। माना जाता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

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