This is Taha Siddiqui (@TahaSSiddiqui) using Cyrils a/c. I was on my way to airport today at 8:20am whn 10-12 armed men stopped my cab & forcibly tried to abduct me. I managed to escape. Safe and with police now. Looking for support in any way possible #StopEnforcedDisappearances
भारतीय चैनल के लिए काम करने वाले पाकिस्तानी पत्रकार को अगवा करने की कोशिश, जमकर मारपीट
भारतीय चैनल के लिए काम करने वाले एक पाकिस्तानी पत्रकार को इस्लामाबाद में हथियार बंद लोगों ने अगवा करने की कोशिश की। हालांकि, पत्रकार उससे बच निकलने में कामयाब रहा। इस्लामाबाद में एक भारतीय न्यूज चैनल के लिए कार्यरत ब्यूरो चीफ तहा सिद्दिकी ने बताया कि बुधवार (10 जनवरी) को जब वो सुबह एयरपोर्ट की तरफ जा रहे थे तभी रास्ते में हथियारबंद लोगों ने उन्हें अगवा करने की कोशिश की। सिद्दिकी ने ट्विटर पर इस घटना के बारे में बताया है कि बुधवार की सुबह करीब 8 बजकर 20 मिनट पर जब वो अपनी कार से इस्लामाबाद एयरपोर्ट की तरफ जा रहे थे तभी हथियारबंद 10-12 लोगों ने उनकी कार को आगे से आकर रोक लिया और उन्हें अगवा करने की कोशिश की। उनके साथ मारपीट भी की गई। हालांकि, फिलहाल वो सुरक्षित हैं और पुलिस की निगरानी में हैं।
बता दें कि सिद्दिकी फ्रांस 24 के लिए इस्लामाबाद में काम करते हैं। इसके अलावा वो भारतीय चैनल WION के भी इस्लामाबाद में ब्यूरो चीफ हैं। सिद्दिकी कई बार पाकिस्तानी सेना की गतिविधियों की आलोचना कर चुके हैं। हादसे के बाद सिद्दिकी ने अपने एक दोस्त के अकाउंट से ट्वीट किया, “मैं आज सुबह करीब 8 बजकर 20 मिनट पर कैब से इस्लामाबाद एयरपोर्ट जा रहा था तभी रास्ते में 10-12 हथियारबंद लोगों ने मेरी कार को रुकवा दिया जबरन मुझे अगवा करने की कोशिश की। हालांकि, मैं वहां से भागने में कामयाब रहा। अब सुरक्षित हूं और पुलिस के साथ हूं।” इसके बाद उन्होंने उसी ट्वीट में सहायता की मांग की।
इस बीच सामाजिक अधिकारों के लिए लड़ने वाले संगठनों के लोगों ने एक्टिविस्टों के खिलाफ होने वाली इस तरह की घटनाओं की निंदा की है और कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में ऐसे पत्रकारों या एक्टिविस्टों को अगवा करने के मामले बढ़े हैं जो पाकिस्तानी मिलिट्री की आलोचना करते रहे हैं। इसी कड़ी में असद हाशिम नाम के एक अन्य पत्रकार ने भी अपनी पीड़ा जाहिर की है। उसने भी ट्विटर पर लिखा है, “मैं तहा सिद्दिकी के साथ हूं। यह चमत्कार है कि वो बच निकले। मैं भी ऐसे लोगों का शिकार हो चुका हूं। मुझे मारा-पीटा गया, जान से मारने की धमकी दी गई और मेरा सामान ले लिया गया। यह असहनीय और स्वीकार्य है। पत्रकारिता अपराध नहीं है।”
बता दें कि पाकिस्तान में हर साल पत्रकारों के साथ बुरे बर्ताव की खबरें आती हैं। युनाइटेड नेशंस प्रेस फ्रीडम इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सबसे निचले पायदान पर है। 180 देशों की लिस्ट में पाकिस्तान का स्थान 139वां है। हाल के दिनों में पत्रकारों के खिलाफ ज्यादती के मामले पाकिस्तान में बढ़े हैं।