भारतीय डाक भुगतान बैंक 1 सितंबर से शुरू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक सितंबर को तालकटोरा स्टेडियम में सवा तीन बजे भारतीय डाक भुगतान बैंक (आइपीपीबी) की राष्ट्रव्यापी शुरुआत करेंगे। उद्घाटन कार्यक्रम को देशभर में प्रसारित किया जाएगा। शुरुआत के साथ ही इस बैंक की देशभर में 650 शाखाएं और 3,250 एक्सेस प्वाइंट होंगे। यह बैंक बचत, चालू खाता, धन हस्तांतरण, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, बिल भुगतान आदि समेत कई तरह के उत्पादों की पेशकश करेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय डाक भुगतान बैंक की राष्ट्रव्यापी शुरुआत के तीन दिन पहले इसके खर्च की सीमा 80 फीसद बढ़ाकर 1,435 करोड़ रुपए करने को मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 635 करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इसमें 400 करोड़ रुपए प्रौद्योगिकी से संबंधित और 235 करोड़ मानव संसाधन के लिए हैं। यह जानकारी केंद्रीय संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन में दी। उनके मुताबिक 31 दिसंबर, 2018 तक देश के सभी 1.55 लाख डाकघरों को भारतीय डाक भुगतान बैंक प्रणाली से जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने भारतीय डाक भुगतान बैंक सेवाएं मुहैया कराने वाले एजंटों (डाकघर कर्मियों और ग्रामीण डाक सेवकों) को प्रोत्साहन-कमीशन का भुगतान उनके खाते में ही करने की भी मंजूरी दे दी। लाभ के 30 फीसद कमीशन में से 25 फीसद डाककर्मियों को और पांच फीसद डाकखाने के विकास पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनसामान्य के लिए विश्वस्त डाकिया अब बैंकर की भूमिका निभाएगा। अभी डाकघरों की वित्तीय सेवाओं से करीब 17 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। बैंक का प्रयास होगा कि उन सभी के खाते भी इसके साथ जुड़ जाएं।
आइपीपीबी की शुरुआत होने के बाद देश में बैंक की शाखाओं की संख्या दोगुनी होकर मौजूदा 1.40 लाख से बढ़कर 2.90 लाख हो जाएगी। ग्रामीण शाखाओं की संख्या 49 हजार से बढ़कर 1.75 लाख हो जाएगी। यह बैंक डाक विभाग के देशभर में फैले विशाल नेटवर्क का प्रयोग करेगा, जिसमें तीन लाख से अधिक डाकिए और डाक सेवक शामिल हैं।
सिन्हा ने बताया कि इन बैंकों में एक लाख रुपए तक लेन-देन की सीमा रहेगी। बाकी सुविधाएं सामान्य बैंकों की तरह ही रहेंगी, केवल कर्ज नहीं दिया जा सकेगा। इसमें खाता खोलने से लेकर सारे काम डिजिटल करने का प्रयास किया जा रहा है। खाता खोलने के लिए केवल आधार जरूरी है। लेन-देन करने के लिए क्यूआर कार्ड दिया जाएगा। उपयोग करने वाले के अंगूठों का मिलान करने के साथ क्यूआर कोड का मिलान कर सभी तरह के लेन-देन किए जा सकते हैं। इससे सरकार की प्रमुख योजनाओं का लाभ समाज के आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाने का सरकार का सपना पूरा हो पाएगा।