भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शिरकत करने चीन पंहुचे
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शिरकत करने चीन के तटीय शहर किंगदाओ पहुंच गए। उन्होंने यहां इस बंदरगाह शहर में आने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग से मुलाकात की। दोनों की मुलाकात यहां होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सलाना सम्मेलन से इतर हुई। मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य सदस्य देशों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। मोदी और पुतिन के बीच पिछले महीने सोच्चि में अनौपचारिक मुलाकात हुई थी। मोदी की पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक निर्धारित नहीं है। इस शिखर सम्मेलन में आतंकवाद, चरमपंथ और कट्टरपंथ के खिलाफ जंग में सहयोग बढाने के ठोस तरीके खोजे जाएंगे तथा वर्तमान वैश्विक मुद्दों पर विचार विमर्श होगा।
मोदी और शी हालांकि पहले भी एक दर्जन से ज्यादा बार मिल चुके हैं, लेकिन किंगदाओ में शनिवार को हुई मुलाकात मध्य चीनी शहर वुहान में हुई ‘ऐतिहासिक अनौपचारिक मुलाकात’ के करीब दो महीने बाद हुई। मोदी और शी के व्यापार एवं निवेश के क्षेत्रों में संबंध गहरे करने के तरीके खोजने तथा कुलमिलाकर द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने की उम्मीद है। वुहान में हुई अनौपचारिक वार्ता में दोनों ने दो एशियाई शक्तियों के बीच संबंधों को ठोस करने पर नजरिया साझा किया था। मोदी के अन्य एससीओ देशों के नेताओं के साथ करीब आधा दर्जन द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है।
Further strengthening the positive momentum in the bilateral relationship generated at the #Wuhan Informal Summit, PM @narendramodi had a warm and forward looking meeting with Chinese President #XiJinping on the sidelines of the SCO Summit. #IndiainSCO #SCOSummit pic.twitter.com/8fOGULpnLS
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) June 9, 2018
भारत और पाकिस्तान को पिछले साल आधिकारिक रूप से इस आठ सदस्यीय सुरक्षा समूह में शामिल किया गया था। इस संगठन में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान शामिल हैं। दोनों देशों के बीच जून 2017 में सीमा पर दो महीने तक जारी रहे सैन्य गतिरोध के बाद 2018 में भारत और चीन के रिश्ते में सुधार होता हुआ दिखाई दे रहा है। एससीओ शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में मोदी पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने के मुद्दे को उठा सकते हैं। शिखर सम्मेलन की प्रमुख विशेषताओं में से एक ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी की उपस्थिति होगी। चीन ने उन्हें फोरम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।