भारत का स्वर्ण काल है ये समय, बरसों बाद देश में आत्मविश्वास का ऐसा माहौल- नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 68 वर्षो में हमारे संविधान ने हर परीक्षा को पार किया और हर आशंका को गलत साबित किया है लेकिन स्वतंत्रता के इतने वर्षो बाद भी आंतरिक कमजोरी दूर नहीं हुई है । ऐसे में अब बदले हुए हालात में कैसे आगे बढ़ा जाए, इस बारे में कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका तीनों ही स्तर पर मंथन किए जाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने साथ ही कहा कि ये समय तो भारत के लिए स्वर्ण काल की तरह है। देश में आत्मविश्वास का ऐसा माहौल बरसों के बाद बना है । निश्चित तौर पर इसके पीछे सवा सौ करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति काम कर रही है। इसी सकारात्मक माहौल को आधार बनाकर हमें न्यू इंडिया के रास्ते पर आगे बढ़ते चलना है। राष्ट्रीय विधि दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस देश में एक दर्जन से ज्यादा पंथ हों, सौ से ज्यादा भाषाएं हों, सत्रह सौ से ज्यादा बोलियां हों, शहर-गांव -कस्बों और जंगलों तक में लोग रहते हों, उनकी अपनी आस्थाएं हों, सबकी आस्थाओं का सम्मान करने के बाद ये ऐतिहासिक दस्तावेज तैयार करना आसान नहीं था।

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