भारत ने छिपाई बात- संभल का आसिफ अल-कायदा का बड़ा आतंकी, ईरानी जासूसों ने पकड़ कर छोड़ा
ईरानी खुफिया सेवा ने आतंकवादी संगठन अल-कायदा के एक आतंकी को जेल से यह जानने के बाद रिहा कर दिया कि वो अफगानिस्तान में अमेरिकी सेन के खिलाफ लड़ा था। इंडियन एक्सप्रेस को मिले दस्तावेज के अनुसार ये आतंकवादी अल-कायदा के दक्षिण एशिया प्रमुख के लिए काम करता था। उत्तर प्रदेश के संभल का रहने वाला मोहम्मद आसिफ इस समय भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की हिरासत में नई दिल्ली में है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने ये जानकारी अब तक गुप्त रखी थी क्योंकि इससे ईरान के संग कूटनीतिक रिश्ते प्रभावित होने की आशंका थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “भारतीय खुफिया एजेंसियां ईरान से आसिफ के मुकदमे के बाबत जानकारी ले रही हैं लेकिन उन्हें अब तक ज्यादा मालूमात नहीं मिली है अफगानिस्तान में भारत के हितों की रक्षा के लिए ईरान का सहयोग जरूरी है इसलिए हमने इसे बड़ा मुद्दा नहीं बनाया।”
ईरान की जेल से आसिफ के रिहा होना का मामला कोई अकेला नहीं प्रतीत होता। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की तरफ से जारी एक दस्तावेज में दावा किया गया है कि अल-कायदा और ईरान के बीच जिहादी समूह के सदस्यों को अभयदान देने के बारे में समझौता हुआ है। ये दस्तावेज कथित तौर पर अल-कायदा के मारे जा चुके प्रमुख ओसामा बिन लादेन के पास से मिले चार लाख 70 हजार दस्तावेजों में शामिल था। ओसामा बिन लादेन को साल 2011 में पाकिस्तान के एबोटाबाद में अमेरिकी कमांडो ने मार गिराया था।
आसिफ को भारतीय अधिकारियों को सौंपने के बजाय ईरानी अधिकारियों ने नशे के तस्करों को सौंप दिया जिन्होंने उसे पांच अन्य लोगों के साथ तुर्की में प्रवेश कराने में मदद की। इस्तांबुल में आसिफ ने खुद को प्रवासी मजदूर बताया जिसका पासपोर्ट खो गया है। आसिफ भारतीय दूतावास से आपतकालीन दस्तावेज हासिल करने में कामयाब भी रहा। भारतीय एजेंसियां इस बात को लेकर चिंतित हैं कि सीरिया के रक्का में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के निर्णायक रूप से हार जाने के बाद उसके लिए लड़ने गये भारतीय देश वापसी की कोशिश कर सकते हैं। एक खुफिया अधिकारी ने कहा, “ईरान का आतंकवादियों को अपने इलाके से सुरक्षित निकल जाने देने के रवैये और जितनी आसानी से आपातकालीन दस्तावेज हासिल कर लिए गये वो काफी चिंताजनक है। इससे व्यवस्था की गंभीर खामी का पता चलता है।”