भारत ने पाकिस्तान को भेजा निमंत्रण, केंद्रीय मंत्री पड़ोसी देश के कलाकारों के बहिष्कार की कर रहे मांग
सीमा पर सैन्य तनाव के बावजूद भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मंत्रीस्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान को न्योता भेजा है। पड़ोसी देश ने भारत के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। डब्ल्यूटीओ की अनौपचारिक बैठक 19-20 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। इसके लिए भारत की ओर से पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्री परवेज मलिक को न्योता भेजा गया था। दोनों देशों के बीच ऐसे समय में नरमी के संकेत मिले हैं, जब सीमा पर दोनों ओर से जबर्दश्त गोलीबारी हो रही है। दोनों के बीच की तल्खी को केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के उस बयान से समझा जा सकता है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तानी कलाकारों पर रोक लगाने की बात कही थी। बाबुल सुप्रियो ने कहा था कि पाकिस्तानी कलाकारों का पाकिस्तानी होना ही अपराध है, इसलिए उनसे बॉलीवुड को किसी भी तरह का संबंध नहीं रखना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने फिल्म ‘वेलकम टू न्यूयॉर्क’ के निर्माताओं से इसके गाने ‘इश्तेहार’ से पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान की आवाज हटाने की मांग भी की थी। बता दें कि तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (अजीत डोभाल और नासिर जंजुआ) के बीच पिछले साल दिसबंर में मुलाकात हुई थी। हालांकि, पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक से पहले भारत ने पाकिस्तान को काली सूची में डलवाने के लिए कूटनीतिक पहल तेज कर दी थी। इसी का नतीजा है कि आतंकी फंडिंग के मामले में इस्लामाबाद को ‘ग्रे लिस्ट’ (सख्त निगरानी की श्रेणी) में डाल दिया गया।
भारत सार्क सम्मेलन को लेकर बरत सकता है नरमी: भारत और साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल को-ऑपरेशन (सार्क) के अन्य सदस्यों के सख्त रुख के कारण पिछले साल पाकिस्तान में सम्मेलन नहीं हो सका था। भारत इसको लेकर भी नरमी बरत सकता है। पठानकोट हमले के बाद दोनों देशों के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। सूत्रों की मानें तो भारत और पाकिस्तान जल्द ही जेलों में बंद कैदियों को छोड़ने की प्रक्रिया शुरू करेगा। इसके तहत सबसे पहले महिलाओं, बच्चों और मानिसक रूप से बीमार कैदियों को छोड़ा जाएगा। दोनों देशों के जेलों में ऐसे 50 कैदियों के बंद होने की बात कही जा रही है। मालूम हो कि तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-इंडिया गैस पाइपलाइन के उद्घाटन मौके पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने इस परियोजना को ‘पीस पाइपलाइन’ करार दिया था।