भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच पीएम मोदी ने एयर चीफ मार्शल एपी सिंह से की मुलाकात

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सरकार किसी भी समय कोई बड़ा फैसला ले सकती है. पीएम मोदी बीते कुछ दिनों से सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से इसे लेकर अलग-अलग बैठक भी कर रहे हैं. इसी क्रम में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने रविवार को पीएम मोदी से मुलाकात की. वायुसेना प्रमुख के साथ यह मुलाकात प्रधानमंत्री और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी के बीच एक अलग बैठक के 24 घंटे से भी कम समय में हुई है. सूत्रों के अनुसार इस बैठक में पहलगाम आतंकी हमले के बाद मौजूद हालात पर बात की गई है.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में रक्षा नेतृत्व को स्पष्ट निर्देश दिए कि भारतीय सशस्त्र बलों को हमले के प्रति देश की प्रतिक्रिया की प्रकृति, लक्ष्य और समय तय करने के पूरी आजादी है. पिछली बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुख मौजूद थे.
पाकिस्तान ने भारतीय पोतों के लिए बंदरगाह बंद किए़
पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ नए दंडात्मक कदम उठाए जाने के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने भी भारतीय ध्वज वाले पोतों के लिए अपने बंदरगाहों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है. इससे पहले, भारत ने इस्लामाबाद के खिलाफ नए दंडात्मक कदम उठाते हुए शनिवार को पाकिस्तान के साथ सभी डाक सेवाएं स्थगित कर दीं और भारतीय बंदरगाहों पर पाकिस्तानी ध्वज वाले पोतों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया. भारत ने पाकिस्तान से आने वाले या वहां से गुजरने वाले माल के आयात और अपने बंदरगाहों पर पाकिस्तानी पोतों के प्रवेश पर भी शनिवार को प्रतिबंध लगा दिया था.
भारत ने बगलिहार बांध से जल प्रवाह रोका: सूत्र
भारत ने चिनाब नदी पर बगलिहार बांध के माध्यम से पानी के प्रवाह को रोक दिया है और झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध को लेकर भी इसी तरह के कदम उठाने की योजना बना रहा है। एक सूत्र ने यह जानकारी दी. मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि जम्मू के रामबन में बगलिहार जलविद्युत बांध और उत्तरी कश्मीर में किशनगंगा जलविद्युत बांध भारत को पानी छोड़ने के समय को विनियमित करने की क्षमता देते हैं. भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद दशकों पुरानी संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें अधिकतर पर्यटक थे. विश्व बैंक की मध्यस्थता से की गई सिंधु जल संधि ने 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के उपयोग को नियंत्रित किया है.