भारत-पाक के एनएसए की गुपचुप बैठक

भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) के बीच थाइलैंड में गुप्त बैठक के 48 घंटे बीतने के साथ ही पुलवामा में आतंकवादी हमले के कारण बातचीत को लेकर सवाल उठने लगे हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान में आतंकी सरगना हाफिज सईद से जुड़े संस्थानों और वित्तीय संसाधनों को वहां की सरकार के द्वारा अपने कब्जे में लेने की तैयारी की खबरें आई हैं। बैठक को लेकर भारत और पाकिस्तान की ओर से आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन दोनों देशों के अधिकारियों ने नाम उजागर नहीं करने की गुजारिश के साथ कहा कि बैठक अच्छी रही, बातचीत सकारात्मक और दोस्ताना माहौल में हुई। इस बैठक को दोनों देशों के बीच ‘पर्दे के पीछे की बातचीत’ की कवायद का हिस्सा माना जा रहा है।
भारतीय एनएसए अजित डोभाल और उनके पाकिस्तानी समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) नासिर खान जंजुआ के बीच 27 जनवरी को थाईलैंड में दो घंटे तक बैठक चली। इस दौरान कई मुद्दों पर बातचीत हुई। डोभाल ने घुसपैठ का मुद्दा उठाया, जबकि जंजुआ ने संघर्षविराम उल्लंघन की बात उठाई।

डोभाल ने आतंकी सरगना हाफिज सईद का मुद्दा भी उठाया। इस बैठक के बाद राजनयिक चैनल के जरिए द्विपक्षीय वार्ता को लेकर दोनों देशों द्वारा बड़े किसी एलान की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, इस कवायद के बीच पुलवामा में सीआरपीएफ के शिविर पर आतंकवादी हमले से सवाल उठने लगे हैं। इस आतंकवादी हमले को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कोई बयान जारी नहीं किया है।

भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में चल रहे तनाव के मद्देनजर थाइलैंड में हुई बैठक को उपयोगी माना जा रहा है। इस बैठक से राजनयिक स्तर पर बातचीत शुरू होने में मदद मिल सकती है। इस बैठक के दो दिन पहले इस्लामाबाद में कुलभूषण जाधव की मुलाकात उनकी मां और पत्नी से कराई गई थी। इस मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी रवैए को भारतीय अधिकारियों ने अपमानजनक माना था। डोभाल से मुलाकात के बाद जंंजुआ ने लौटकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से पांच घंटे तक मुलाकात की। पाकिस्तान में अभी शरीफ की पार्टी पीएमएल (नवाज) की सरकार है। पाकिस्तान की मीडिया ने जंजुआ और शरीफ की मुलाकात के बाद यह खबर प्रकाशित की थी कि इसमें पूर्व पीएम ने भारत समेत तमाम पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्ते बनाने की बात कही थी। भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस बारे में मंगलवार को अहम एलान संभव है।

भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक स्तर पर इस तरह की गोपनीय बैठक पहली बार नहीं हुई है। सबसे पहले वर्ष 2015 में सार्क देशों की शीर्ष बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच बैठक हुई थी। इसके बाद अमृतसर में दिसंबर, 2016 में हार्ट आॅफ एशिया के दौरान अजित डोभाल और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों में सलाहकार सरताज अजीज के बीच मुलाकात हुई थी। इन बैठकों का दोनों सरकारों ने कभी अनुमोदन नहीं किया, लेकिन राजनयिक स्तर की कई वार्ताओं में सुगबुगाहट दिखी।

 

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