मंत्री रविशंकर प्रसाद का तंज- आधार से मत जोड़ें वोटर कार्ड, वरना…

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि वह आधार कार्ड और वोटर कार्ड को जोड़ने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं यह बात एक आईटी मिनिस्टर के तौर पर नहीं कर रहा हूं… यह मेरा व्यक्तिगत विचार है। मुझे लगता है कि आधार कार्ड को वोटर कार्ड से लिंक नहीं किया जाना चाहिए, दोनों कार्ड्स का अपना अलग मतलब है।’ प्रसाद ने कहा कि वह नहीं चाहते कि लोग केंद्र सरकार पर जासूसी करने का आरोप लगाएं। उन्होंने कहा, ‘अगर हम आधार और वोटर कार्ड को जोड़ने की बात करेंगे तो हमारे विरोधी कहेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों के ऊपर जासूसी कर रहे हैं। वह यह जानना चाह रहे हैं कि लोग क्या खाते हैं और कौन सी फिल्म देखते हैं… और भी ऐसी बहुत सी बातें कही जाएंगी। मैं नहीं चाहता कि ऐसा कुछ हो।’ उन्होंने कहा कि वोटर कार्ड चुनाव आयोग के वेब पोर्टल से लिंक है, ऐसे में आपको पोलिंग बूथ और चुनाव से जुड़ी हुई जानकारियां मिलती हैं। आधार का इससे कोई मतलब नहीं है।

हालांकि रविशंकर ने बैंक अकाउंट से आधार को जोड़ने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि ऐसा करने से पारदर्शिता आएगी। प्रसाद का कहना है कि बैंक अकाउंट से आधार को जोड़ने पर यह पता चलेगा कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिल भी रहा है या नहीं। उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी के आधार और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के आधार में बहुत बड़ा अंतर है। मनमोहन सिंह के आधार को कानून का समर्थन नहीं था जबकि मोदी का आधार कानून द्वारा समर्थित है। इसके अलावा यह पूरी तरह से सुरक्षित भी है।’

केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि करीब 80 करोड़ मोबाइल फोन को बैंक अकाउंट से लिंक किया जा चुका है। इसके साथ ही करीब 31 करोड़ जन धन अकाउंट खोले जा चुके हैं और 120 मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कराया जा चुका है। इस मामले पर उन्होंने आगे कहा, ‘एक बार पीएम राजीव गांधी ने कहा था कि लोगों के कल्याण के लिए अगर सरकार एक रुपए जारी करती है तो जनता तक केवल 15 पैसे ही पहुंचते हैं और अब सरकार अगर जनता को 1000 रुपए देना चाहती है तो वह सीधे उनके अकाउंट में पहुंचेंगे।’

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