मंदिर क्यों जाना, शरीर को ही बना डाला रामनामी

आरुष चोपड़ा  

क्या आपको बाबरी मस्जिद विध्वंस के बारे में पता है, छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी मनाई जाती है। वहां राम मंदिर बनाने के लिए सालों से आंदोलन चल रहा है। इस सवाल के जवाब में शरीर पर राम नाम गोदे हुए रामनामी समुदाय के सदस्य कहते हैं कि हमें भक्ति के लिए राम मंदिर जाने की क्या जरूरत? किसी भी मंदिर जाने की क्या जरूरत? उन्होंने कहा कि हम मंदिर नहीं जाते हैं, पूरे शरीर को ही राम के नाम कर डाला है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र्र परिसर में गुनगुनी धूप में छत्तीसगढ़ से आए रामभगत अपने समुदाय के पांच-छह लोगों के साथ बैठे हुए थे। पूरे शरीर पर नख से लेकर शिख तक राम नाम का गोदना। आंखों के नीचे, नाक के नीचे, उंगलियों पर और कान के अंदर भी राम। इन रामभक्तों की भक्ति की गवाही तो इनका पूरा शरीर ही दे रहा है। लेकिन इनकी खास बात यह है कि इन्हें रामभक्ति के लिए किसी मंदिर की जरूरत नहीं है।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और दीनदयाल शोध संस्थान की ओर से आयोजित लोक गाथा कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ का यह रामनामी समुदाय भक्ति की अनोखी गाथा कहता है। इस समुदाय के ज्यादातर लोग छत्तीसगढ़ी में ही बात कर रहे थे। आपके समुदाय में रामभक्त कौन बन सकता है? इस सवाल के जवाब में गुलाराम, जोकि ठीक-ठाक हिंदी बोल लेते हैं, कहते हैं, ‘जो भी शाकाहारी हो, नशा न करता हो, सच्चे दिल से राम को मानता है वह रामनामी हो सकता है।’ तो क्या आपके समुदाय के सारे लोग शरीर पर राम नाम गुदवाते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि यह तो भक्त की इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है। आप हाथ पर चार बार राम लिखवा लो, माथे पर लिखवा लो।

आप जितने भी नाम गुदवाओ, लेकिन नाम गुदवाना जरूरी है। नाम लिखवाने के स्तर पर इस समुदाय में पहचान भी बनती है। माथे पर राम का नाम लिखवाया तो शिरोमणि और पूरे माथे पर लिखवाया तो सर्वांग रामनामी। वहीं जिस रामभक्त ने पूरे शरीर पर राम का नाम लिखवाया वह नखशिख रामनामी कहलाया। इस समुदाय के लोगों के मंदिर नहीं जाने के पीछे भी खास वजह है। कला केंद्र पहुंचे रामनामी समुदाय के लोग बताते हैं कि सौ साल पहले उनके गांव में ऊंची जाति के लोगों ने इस समुदाय के लोगों के मंदिर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस अपमान की बगावत में इस समुदाय के लोगों ने दोबारा मंदिर में कदम नहीं रखा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *