‘मंदिर में नहीं हो सकता रेप, मुसलमानों को असुरक्षित दिखाने के लिए अफसरों ने गढ़ी कहानी’
कठुआ गैंगरेप को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएस सलाथिया ने 8 साल की मुस्लिम बच्ची के साथ मंदिर में हुए रेप को लेकर सवाल खड़े किए हैं। रेडिफ की रिपोर्ट के अनुसार, बीएस सलाथिया ने कहा, “आपके अनुसार क्या मंदिर में रेप को अंजाम दिया जा सकता है या नहीं? क्या कोई व्यक्ति किसी लड़की के साथ मंदिर या किसी भी धार्मिक स्थल में रेप कर सकता है?”
इसके बाद बीएस सलाथिया ने कहा, “यह अनुचित और झूठा आरोप है, क्योंकि कोई भी लड़की के साथ मंदिर में रेप नहीं कर सकता। अगर कोई ऐसा करता है तो वह हिंदू नहीं है। इस तरह का अपराध कभी भी मंदिर में नहीं हो सकता। यह आप्राकृतिक अपराध है और हमें लगता है कि क्राइम ब्रांच द्वारा मनगढ़ंत कहानी बनाई गई है। मुझे लगता है कि यह कहानी श्रीनगर के उन अधिकारियों द्वारा बनाई गई है, जो यह दर्शाना चाहते हैं कि जम्मू में मुस्लिम लोग सुरक्षित नहीं हैं।”
आपको बता दें कि 8 वर्षीय बच्ची के साथ हुए गैंगरेप के मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। वैसे तो चार्जशीट 9 अप्रैल को दाखिल की जानी थी, लेकिन आरोपियों के समर्थन में आए वकीलों के हंगामे के कारण सोमवार को चार्जशीट दर्ज नहीं हो पाई, जिसे अगले दिन यानी 10 अप्रैल को दाखिल किया गया। इस चार्जशीट के मुताबिक, इस घटना का मुख्य आरोपी सांजी राम है, जिसने बच्ची का अपहरण, रेप और उसकी हत्या की साजिश रची थी।
सांजी राम के अलावा इस अपराध में छह अन्य लोगों के शामिल होने की बात कही गई है। सांजी राम पर आरोप है कि कठुआ से अल्पसंख्यक बकरवाल मुस्लिम समुदाय के लोगों को भगाने के लिए उसने यह साजिश रची थी। चार्जशीट के मुताबिक, इस साजिश में स्थानीय पुलिस ने भी सांजी राम का साथ दिया था।