मकान या फ्लैट में दुकान चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी
दिल्ली की तर्ज पर रिहायशी मकानों में दुकान चलाने वाले आबंटियों के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण कड़ी कार्रवाई करने जा रहा है। घर या फ्लैट में दुकान चलाने वालों की पहचान के लिए सोमवार से सर्वे शुरू किया गया है। प्राधिकरण के सभी वर्क सर्कल प्रभागों के परियोजना अभियंता ऐसे आबंटियों की सूची तैयार करेंगे। उसके बाद आबंटियों को नोटिस जारी कर तय समय में व्यावसायिक गतिविधियां बंद करने का अंतिम मौका दिया जाएगा। व्यावसायिक गतिविधियां बंद नहीं करनेवालों को आबंटन शर्तों का उल्लंघनकर्ता मानते हुए लीज डीड रद्द की जाएगी।
रिहायशी इलाकों में वाणिज्यिक गतिविधियों को लेकर नोएडा प्राधिकरण ने 2012 में सीलिंग अभियान चलाया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चले इस अभियान में सेक्टर-19 और 27 के मकानों में चलने वाली कई बैंक शाखाएं भी सील हुई थीं। बाद में बैंक शाखाओं के लिए प्राधिकरण ने 104 भूखंडों की योजना निकाली थी। आवासीय सेक्टरों में क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टरों को राहत देते हुए प्राधिकरण ने एफएआर के 25 फीसद हिस्से का इस्तेमाल करने की छूट दी थी। उस समय सीलिंग की सख्ती से डरकर ज्यादातर लोगों ने घरों में चलने वाली दुकानें समेत अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए थे। पिछले कई साल से मामले के ठंडा रहने से ज्यादातर रिहायशी सेक्टरों और फ्लैटों में दुकानें खुल गई थीं। प्राधिकरण अधिकारियों का तर्क है कि भवन नियमावली के विपरीत भू-उपयोग से लोगों को परेशानी हो रही है। साथ ही प्राधिकरण को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। लीड डीड के नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए प्राधिकरण ने सोमवार से सर्वे शुरू कर दिया है। भू-उपयोग से संबंधित पुराने ब्योरे भी खंगाले जा रहे हैं। सर्वे में चिह्नित होने वाले आबंटियों के निर्धारित समय में व्यावसायिक गतिविधियां बंद नहीं करने पर लीज डीड रद्द करने का फैसला किया गया है।
घर के बाहर रेहड़ी, मकान मालिक पर दर्ज होगा मामला
सड़कों से रेहड़ी-पटरी हटाने में नाकाम प्राधिकरण के निशाने पर अब वे आबंटी आ गए हैं, जिनके मकान, घर या फ्लैट के आगे इन्हें लगाया जा रहा है। प्राधिकरण ने ऐसे आबंटियों की सूची तैयार कराई है, जिन्हें नोटिस भेजने की तैयारी है। प्राधिकरण का मानना है कि आबंटी खुद अपने मकान या फ्लैट के आगे रेहड़ी-पटरी लगवाकर किराए के रूप में मोटी रकम वसूल रहे हैं। ऐसे में आबंटी को मुख्य आरोपी मानते हुए उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा। इस श्रेणी में मुख्य रूप से अट्टा और इंदिरा बाजार के इलाके शामिल किए गए हैं।