मदरसों में ड्रेस कोड पर आमने-सामने आए योगी सरकार के दो मंत्री
मदरसों में ड्रेस कोड लागू करने के सवाल पर उत्तर प्रदेश सरकार के दो मंत्री आमने—सामने आ गए हैं। एक दिन पहले ही यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रज़ा ने ये बयान दिया था कि यूपी सरकार मदरसे के विद्यार्थियों को ड्रेस कोड मुहैया करवाएगी। इस ड्रेस कोड को पूरी तरह से फॉर्मल बनाने की तैयारी का दावा किया गया था, जिससे मदरसे के छात्रों के बीच एकरूपता लाई जा सके। मोहसिन रजा ने इस बात की भी वकालत की थी कि छात्रों को मदरसे में उर्दू के अलावा हिंदी, अंग्रेजी और विज्ञान के अलावा कंप्यूटर भी पढ़ाया जाए।
बुधवार को ट्विटर पर मंत्री मोहसिन रज़ा के बयान का खंडन यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है,”मदरसों में ड्रेस कोड को लेकर सरकार ने कोई नई नीति निर्धारित नहीं की है। इस विषय को लेकर विभाग का कोई मत नहीं है।”
Our aim is to bring madrasas at par with other educational institutions. Till now, students in madrasas have been wearing ‘kurta-payjama’. A dress code will make it more formal. We will provide them the uniform: Uttar Pradesh Minister Mohsin Raza pic.twitter.com/SyjMfUAgkv
— ANI UP (@ANINewsUP) July 3, 2018
मदरसों में ड्रेस कोड को लेकर सरकार ने कोई नई नीति निर्धारित नहीं की है। इस विषय को लेकर विभाग का कोई मत नहीं है।
— Laxmi N Chaudhary (@ncbjp_laxmi) July 3, 2018
दो मंत्रियों के परस्पर विरोधाभासी बयानों के बीच मुस्लिम धर्मगुरु और मुस्लिम संगठन भी सरकार से नाराज हो उठे हैं। मौलाना सूफियान निजामी ने मीडिया से कहा,”जब हर इदारे को ये हक़ दिया गया है कि वह अपने हिसाब से अपने इंस्टीट्यूशन को चलाए तो बार—बार सिर्फ मदरसे को ही सरकार निशाना क्यों बना रही है? सरकार ड्रेस कोड लागू करने से पहले मदरसे की हालत ठीक करने के लिए कुछ क्यों नहीं करती?”
बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार मदरसों को लेकर नए और अहम फैसले सुना रही है। हाल ही में मदरसों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया गया था। इसके साथ ही मदरसों में गणित, विज्ञान, कंप्यूटर और सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई को हिंदी और अंग्रेजी माध्यमों में करने का भी फैसला लिया गया था। राज्य सरकार ने कहा था कि इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश के मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराना है।
सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक में मदरसा से जुड़े प्रावधानों में संशोधन करने का निर्णय लिया गया था। वहीं जनवरी में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के मदरसों में आधुनिकी शिक्षा देने के लिए करीब 40.55 करोड़ रुपये जारी किए थे। जारी रकम में से 30.53 करोड़ रुपये 1506 नये मदरसों के लिए और 10.02 करोड़ रुपये लाट संख्या 672 मदरसों के लिए जारी किए गए थे।