मध्य प्रदेश: आधा टॉयलेट बनवाकर छोड़ गए अफसर, खुद के पैसों से पूरा करवाने के लिए मजबूर हुए गांववाले

मध्य प्रदेश से एक ऐसी खबर आयी है, जिससे केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी स्वच्छ भारत योजना पर ही प्रश्नचिन्ह लग गया है। दरअसल मध्य प्रदेश के अनूपपुर गांव में स्वच्छ भारत अभियान के तहत बन रहे शौचालयों को सरकारी अफसरों ने आधा ही बनवाकर छोड़ दिया है। जब स्थानीय लोगों ने सरकारी कर्मचारियों से इसका कारण जानना चाहा तो उन्हें बताया गया कि शौचालयों का निर्माण अब नहीं होगा। यही वजह है कि अब गांववाले खुद के पैसों से ही शौचालयों का निर्माण करा रहे हैं।

बता दें कि बीते माह ही खबर आयी थी कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत दिल्ली में शौचालयों का निर्माण होना था, लेकिन स्वच्छ भारत अभियान को शुरु हुए ढाई साल का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक शौचालयों के निर्माण के लिए इस्तेमाल होने वाला 40 करोड़ रुपए का बजट बिना इस्तेमाल के ही पड़ा हुआ है। इसके अलावा बीते दिनों स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए गए शौचालयों में से करीब 60 प्रतिशत शौचालयों में पानी की कमी की बात सामने आयी थी। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के एक सर्वे में यह बात सामने आयी थी। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस के अनुसार, शहरों में अभी भी 7.5 प्रतिशत जनसंख्या खुले में शौच कर रही है।

बता दें कि सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के तहत देश में 3.5 करोड़ नए शौचालयों का निर्माण होना था। इस योजना के शुरु होने के बाद देश में साफ-सफाई के स्तर पर फर्क तो पड़ा है, लेकिन अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है। कई जगहों पर जहां शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ है, वहीं कई जगहों मध्य प्रदेश के अनूपपुर की तरह आधे-अधूरे शौचालयों का निर्माण कर दिया गया है।

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