मध्य प्रदेश चुनाव: 6 अक्टूबर को आमने-सामने आएंगे राहुल गांधी-अमित शाह
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश का चुनावी समर अपने पूरे चरम पर है. आचार संहिता कुछ दिन बाद मध्य प्रदेश में प्रभावी हो जाएगी, लेकिन इन सबके बीच में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों के ताबड़तोड़ दौरे सियासत के गलियारों में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं. चाहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी हों या फिर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दोनों का फोकस MP है.
चुनाव राजस्थान में भी होने हैं और छत्तीसगढ़ में भी, लेकिन दोनों राष्ट्रीय अध्यक्षों की सक्रियता मध्यप्रदेश में जबरदस्त तरीके से देखने को मिल रही है. यहां तक कि आने वाली 6 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एक ही दिन मध्यप्रदेश में रहेंगे. अपनी-अपनी चुनावी रणनीतियों पर कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे और चर्चा करेंगे. सवाल यह है कि आखिर 20-25 दिनों के कार्यक्रम इन दोनों नेताओं के मध्य प्रदेश में तय हैं. इन सब के बीच में आखिर राजस्थान और छत्तीसगढ़ को लेकर दोनों पार्टियां इतनी चिंतित नहीं दिखाई दे रही हैं जितनी मध्यप्रदेश को लेकर दिखाई दे रही हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो प्रदेश में चुनावी साल में एक बड़े आंदोलन ने और कुछ नए राजनीतिक दलों ने दोनों ही पार्टियों की परेशानियां बढ़ा दी हैं. फिर चाहे कांग्रेस हो जो सत्ता में 14 सालों का वनवास भोग रही हो या बीजेपी हो जो अपने विकास पर वोट मांग रही है दोनों को अपनी जमीन मध्यप्रदेश में खिसकती हुई नजर आ रही है. यही कारण है कि दोनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिशन 2018 और 19 को लेकर मध्य प्रदेश की सियासत को हम मान रहे हैं तो दूसरी और कांग्रेस और बीजेपी के अपने-अपने तर्क हैं.