मध्य प्रदेश: हाई कोर्ट पहुंचा कैथोलिक स्कूल संघ, एबीवीपी से बचाने की लगाई गुहार

मध्य प्रदेश में अल्पसंख्यक कैथोलिक समुदाय से जुड़े स्कूलों के संघ ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। स्कूल संघ ने कोर्ट में याचिका दायर कर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपने शैक्षणिक प्रतिष्ठानों को बचाने की गुहार लगाई है। कुछ दिनों पहले राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी के दर्जनों कार्यकर्ता विदिशा स्थित सेंट मैरी पीजी कॉलेज में जबरन दाखिल होने का प्रयास किया था। जिला प्रशासन ने उनकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया था। छात्र संगठन ‘भारत माता आरती’ गाने की मांग कर रहे थे। भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए मध्य प्रदेश कैथोलिक डायोसेन स्कूल्स एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। संघ ने एबीवीपी पर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का भी आरोप लगाया है।

कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया (बीसीआई) के महासचिव थियोडोर मैस्क्रेनहास ने बताया कि छात्र संगठन अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा चलाए जा रहे शैक्षणिक संस्थानों को लगातार निशाना बना रहा है। उन्होंने कहा कि एबीवीपी नेताओं ने व्हॉट्सएप ग्रुप पर संदेश जारी कर अपने कार्यकर्ताओं से मंगलवार (16 जनवरी) को कॉलेज पहुंचने का आह्वान किया है। नेताओं ने कॉलेज परिसर में जबरन घुसकर आरती गाने का कार्यक्रम बनाया है। उन्होंने बताया कि वार्ता के जरिये एबीवीपी के साथ मतभेदों को दूर करने का प्रयास किया गया था, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। मालूम हो कि 4 जनवरी को एबीवीपी के सैकड़ों कार्यकर्ता कॉलेज पहुंच गए थे। परिसर में प्रवेश की अनुमित नहीं मिलने पर उन्होंने हंगाम शुरू कर दिया था। छात्र संगठन के कुछ कार्यकर्ता इसी कॉलेज में पढ़ते हैं जो परिसर में दाखिल होकर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने लगे थे।

पिछले साल दिसंबर में राज्य के सतना जिले में कुछ पादरियों पर हमले की घटना सामने आई थी। हिंसा की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए अल्पसंख्यक समुदाय ने आखिरकार हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया। इसमें बजरंग दल की संलिप्तता सामने आई थी। गुरुवार (11 जनवरी) को रतलाम के समीप नामली में स्थित सेंट जोसेफ स्कूल के तकरीबन 20 छात्र ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने लगे थे। स्कूल प्रबंधन ने उनके खिलाफ कार्रवाई की थी। बजरंग दल ने छात्रों के समर्थन में बंद का आह्वान किया था। संगठन ने स्कूल को राष्ट्र विरोधी तक करार दे दिया था।

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