मध्य प्रदेश: 14 साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस, पार्टी हेडक्वॉर्टर में वास्तु के हिसाब से करेगी बदलाव
कांग्रेस पिछले 14 सालों से मध्य प्रदेश की सत्ता से बाहर है। बहुत जल्द मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी इस चुनाव में राज्य की सत्ता में वापसी करने की पूरी कोशिश करेगी। कांग्रेस इस बार के चुनाव में किसी भी तरह की कोई गलती करने का जोखिम नहीं उठा सकती। यही कारण है कि भोपाल में पार्टी हेडक्वॉर्टर से वास्तु दोष हटाया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी बीजेपी को हराने और राज्य में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए वास्तु के हिसाब से हेडक्वॉर्टर में जरूरी बदलाव कर रही है। पार्टी चाह रही है कि किसी भी तरह की कोई भी ऐसी बात ना हो जो मध्य प्रदेश में उसकी जीत की राह पर बाधा बने।
कांग्रेस ने ‘वास्तुशास्त्र’ विशेषज्ञों से परामर्श लेने के बाद प्रवक्ता के कमरे के पास के तीन टॉयलेट्स को हटा दिया है। प्रवक्ता का कमरा भोपाल के शिवाजीनगर इलाके में स्थित इंदिरा भवन (कांग्रेस मुख्यालय) के ग्राउंड फ्लोर पर बना हुआ है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता के के मिश्रा ने इस मामले में कहा, ‘हमने वास्तुशास्त्र विशेषज्ञों से बात की और उनकी सलाह के मुताबिक हमने ग्राउंड फ्लोर पर स्थित तीन टॉयलेट्स को हटा दिया। मेरे कमरे से लगा हुआ टॉयलेट भी हटाया गया है।’ वहीं एक अन्य कांग्रेसी नेता ने बताया कि वास्तु शास्त्र के मुताबिक बदलाव करके मुख्यालय से नकारात्मक ऊर्जा को बाहर किया गया है। उन्होंने कहा, ‘अब हमारे लिए चीजें बदल जाएंगी।’
इंदिरा भवन का उद्घाटन पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा साल 2006 में किया गया था। इस वक्त इस बिल्डिंग में आए दिन मध्य प्रदेश विधानसभा के मद्देनजर बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। वहीं दिल्ली से भी पार्टी के बड़े नेता समय-समय पर मुख्यालय आ रहे हैं और चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। केके मिश्रा ने बताया, ‘हम 2018 में विधानसभा चुनाव जीत जाएंगे। हमें विश्वास है। हमारे पार्टी के कार्यकर्ता लगातार ही पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।’ मिश्रा से जब पार्टी कें अंदर मौजूद गुटबाजी और झगड़े को लेकर सवाल किया गया तब उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर इस तरह की अब कोई परेशानी नहीं है। हालांकि मिश्रा ने यह भी कहा है कि पार्टी फिलहाल मुख्यमंत्री के चेहरे का ऐलान नहीं करेगी, क्योंकि अभी भी थोड़ी बहुत परेशानी पार्टी के अंदर है। उन्होंने कहा, ‘हम विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान शायद ही करें। अगर हम किसी एक नेता का नाम लेंगे तो हो सकता है कि बाकी लोगों को इससे परेशानी हो।’