मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी का प्‍लान, गुजरात मॉडल पर करेंगे काम

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नजर इस वक्त मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव पर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक राहुल गांधी मध्य प्रदेश में गुजरात मॉडल पर काम करेंगे। कहा जा रहा है कि कांग्रेस एमपी के युवा नेता, एंटी-करप्शन विसिलब्लोअर्स, एक्टिविस्ट और किसान नेताओं को एक करके विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रसे को दलित नेता जिग्नेश मेवानी, ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल से काफी सहयोग मिला था। कांग्रेस ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश में भी करने की प्लानिंग में है। बता दें कि मध्य प्रदेश में साल 2003 से कांग्रेस सत्ता में नहीं है।

एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व्यापमं घोटाले के विसिलब्लोअर आनंद राय और पारस सकलेचा, एक्टिविस्ट अजय दुबे, किसान नेता इरफान जाफरी और विनायक परिहार, पूर्व फॉरेस्ट अधिकारी आजाद सिंह डबास, वकील अजय गुप्ता, एसटी नेता हीरा अलवा, दलित एक्टिविस्ट देवाशिष जरारिया, एक्टिविस्ट पिंकी सरैया और विजय जाटव को सामने लाने की तैयारी में है। पार्टी ने अजय दुबे, अजय गुप्ता और आनंद राय को पहले ही विधानसभा चुनाव के लिए तैयार कर लिया है, जबकि अन्य नेताओं से मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुख्य नेता दीपक बावरिया लगातार संपर्क में हैं। रिपोर्ट्स हैं कि बावरिया ने कुछ नेताओं से पिछले ही हफ्ते मुलाकात भी की थी।

कांग्रेस ने गुजरात में भी ‘आउटसाइडर्स’ की मदद ली थी और मध्य प्रदेश में भी ऐसा करने की प्लानिंग है। कांग्रेस अध्यक्ष का मानना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, कमल नाथ, अरुण यादव और अन्य बड़े नेताओं पर पूरी तरह से आश्रित रहना सही नहीं होगा। राहुल गांधी की रणनीति है कि क्षेत्रीय नेताओं को सामने लाया जाए और लोगों को प्रभावित किया जाए। वह क्षेत्रीय नेताओं के दम पर मालवा, निमार, बुंदेलखंड, बघेलखंड और राज्य के मध्य क्षेत्र पर प्रभाव डालना चाहते हैं। मध्य प्रदेश में मूल रूप से सभी लोग हिंदी ही बोलते हैं। वहां अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग बोलियां बोली जाती हैं। मध्य प्रदेश में बुंदेली, मालवी, निमार और बघेली बोली जाती है, ऐसे में क्षेत्रीय नेता इन बोलियों की मदद से लोगों पर ज्यादा प्रभाव डाल सकते हैं।

मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का यह तीसरा कार्यकाल चल रहा है। कांग्रेस की प्लानिंग है कि किसी भी तरह से राज्य में बीजेपी को कमजोर करने का माहौल बनाया जा सके। इसके लिए पार्टी शिवराज के विरोधी माने जाने वाले किसान नेता केदार सिरोही और शिव कुमार शर्मा से भी संपर्क कर सकती है। सिरोही और शर्मा दोनों का ही मध्य प्रदेश के किसानों के ऊपर खासा प्रभाव माना जाता है। पिछले साल मध्य प्रदेश के मंदसौर में हुए किसान आंदोलन को भी कांग्रेस भुनाना चाहेगी।

 

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