मनीष सिसोदिया का चुनाव आयोग पर हमला, बोले- एक रुपये की सैलरी विधायकों ने नहीं ली, फिर यह पक्षपात क्यों

लाभ के पद( ऑफिस ऑफ प्राफिट)  मामले में फंसे आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य करार देने के मामले में सियासी घमासान मच गया है। आम आदमी पार्टी ने फैसले के लिए चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। कहा है कि विधायकों ने एक रुपये की तनख्वाह नहीं ली, न ऑफिस ली, न गाड़ी ली, फिर चुनाव आयोग का यह पक्षपात क्यों।

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस पूरे मामले में मीडिया के सामने पार्टी का पक्ष रखा। उन्होंने इस फैसले के पीछे भी साजिश बताई।   प्रेस कांफ्रेंस के दौरान चुनाव आयोग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। कहा कि चुनाव आयोग मोदी का कर्ज उतारने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से घबराई हुई है। केंद्र सरकार ने चार सौ से ज्यादा फाइलों में घोटाले ढूंढकर फंसाने की कोशिश की मगर सफल नहीं हुए। पार्टी और विधायकों को फंसाने के लिए रोजाना नई-नई साजिशें रचीं जा रहीं।

 

बता दें कि आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के लाभ के पद मामले में शुक्रवार को चुनाव आयोग ने अयोग्य करार दिया था। उनकी सदस्यता रद्द करने का मामला राष्ट्रपति के पास भेजा गया है। चुनाव आयोग की सिफारिश पर अब राष्ट्रपति को फैसला लेना है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कुल 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था। इसे विधायकों को लाभ का पद दिए जाने का मुद्दा बनाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के वकील प्रशांत पटेल ने राष्ट्रपति के सामने अर्जी दायर की थी। जिस पर राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग को सुनवाई कर संस्तुति करने का आदेश दिया था। इस क्रम में पार्टी और विधायकों को आयोग ने नोटिस जारी की थी। शुक्रवार( 19 जनवरी) को चुनाव आयोग ने लाभ के पद का मामला सही पाते हुए 20 विधायकों को अयोग्य करार दे दिया। बता दें कि 21 वें विधायक रहे जनरैल सिंह पंजाब में चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे चुके हैं, इस नाते 20 विधायकों पर गाज गिरी।

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