मनोज तिवारी का नाम आते ही पत्रकारों पर भड़क गईं मीनाक्षी लेखी, धकेल दिया माइक
राजनीतिक पार्टियों में नेताओं के बीच आंतरिक विवाद और मतभेद होना आम बात है। मगर आमतौर पर ऐसा बहुत कम होता है कि इन नेताओं के झगड़े सार्वजनिक रूप से सामने आते हों। बीते बुधवार को ऐसा ही कुछ देनों को मिला जब दो राजनेताओं के बीच मतभेद सार्वजनिक रूप से सामने आ गए। संसद भवन के गेट नंबर चार के समीप खड़े उन सभी लोगों ने खुद देखा कि भाजपा के दो सांसदों के बीच इन दिनों किस कदर मतभेद बने हुए हैं।
दरअसल भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी संसद से बाहर परिसर में आईं तो टीवी पत्रकारों ने एनआरसी विवाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी। भाजपा सासंद के इस सवाल के जवाब के बाद पत्रकारों ने उनसे पार्टी सांसद और दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के उस सवाल पर भी प्रतिक्रिया मांगी जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार को रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी आप्रवासियों की पहचान कर उन्हें दिल्ली से बाहर करना चाहिए।
पत्रकारों के इस सवाल पर मीनाक्षी लेखी काफी क्रोधित हो गई और माइक धकेलते हुए कहा कि उनसे तिवारी के प्रवक्ता के रूप में सवाल क्यों पूछा गया। मीनाक्षी लेखी यहीं नहीं रुकी, उन्होंने पत्रकारों से चेतावनी भरे लहजे में कहा कि मनोज तिवारी की टिप्पणी पर उनसे पत्रकार कभी कोई सवाल ना पूछे।
बता दें कि पूर्व में खबर आई कि भाजपा आलाकमान जल्द ही दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष पद से मनोज तिवारी की छुटट्टी कर सकता है। कहा जा रहा है कि मनोज तिवारी ने दोस्त से ज्यादा दुश्मन बना लिए हैं। दिल्ली भाजपा के भी कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि हाईकमान ने मनोज तिवारी को काफी बड़ी जिम्मेदारी थी कि लेकिन वो इसपर खरे नहीं उतर सके।
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का कई सीनियर नेताओं से टकराव भी छिपा नहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल संग भी उनके टकराव की खबरें सामने आईं थीं। इससे पहले खबर आई कि मनोज तिवारी का भाजपा के दूसरे वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता के साथ भी मतभेद हैं।