मनोज तिवारी, लालू यादव और अमर सिंह के साथ भोजपुरी पर्दे पर उतरना चाहती थीं जया प्रदा, अधूरा रह गया प्लान
14 साल की एक बच्ची अपने स्कूल के एनुअल डे कार्यक्रम (वार्षिक समारोह) में अपना डांस परफॉरमेंस दे रही थी। इस समारोह में मौजूद एक एक शख्स को बच्ची का यह डांस काफी पसंद आया। महज तीन मिनट के इस डांस परफॉरमेंस के लिए उन्होंने इस मासूम बच्ची को 10 रुपये दिये। यह किस्सा है वर्ष 1976-77 का तब दस रुपये का पुरस्कार काफी कीमती हुआ करता था। उस बच्ची का नाम था ललिता रानी और उसे इतना कीमती पुरस्कार देने वाले शख्स थे तेलुगु फिल्मों के महान निर्देशक। सच कहिए तो उस बच्ची को अपने स्कूल के दिनों में मिले पुरस्कार ने उसकी जिंदगी बदल दी। स्कूल के कार्यक्रम में बच्ची को पुरस्कार देने वाले शख्स इस बच्ची से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने उसे फिल्मों में डांस करने का ऑफर कर दिया और महज 14 साल की इस मासूम बच्ची के डांस ने तब पूरी फिल्म इंडस्ट्री को चकित कर दिया।
अपनी मां से बचपन के दिनों में ही नृत्य के गुर सिखने वाली यह बच्ची आगे चलकर बन गई कुशल नृत्यांगना जया प्रदा। 3 अप्रैल 1962 को आंध्र प्रदेश में जन्मी ललिता रानी ने 18 साल से भी कम की उम्र में ही अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत कर दी थी। तेलुगु, कन्नड़, मलयामल भाषा की फिल्मों में जया ने काम किया है। 1974 में जया प्रदा ने कुछ तेलुगु फिल्मों में काम किया और फिर साल 1979 में फिल्म ‘सरगम’ से बॉलीवुड में उन्होंने अपना पांव रखा। 80 के दशक की इस कुशल नृत्यांगना और शायद उस वक्त की सबसे खुबसूरत अभिनेत्रियों में शुमार पर्दा ने जया ‘लोक परलोक’ (1979) ‘शराबी’ (1984), ‘तोहफा’ (1984), ‘आखिरी रास्ता’ (1986) जैसी कई फिल्में की।
कम ही लोग जानते हैं कि जया प्रदा प्रोड्यूसर भी हैं और उनकी एक भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में आते-आते रह गई। दरअसल करीब 7 साल पहले जया खुद बतौर प्रोड्यूसर भोजपुरी फिल्म बना रही थीं। इस फिल्म में जया खुद नायिका थीं और भोजपुरी के सुपर स्टार अभिनेता मनोज तिवारी नायक। उस समय मनोज तिवारी सियासी पिच पर नहीं उतरे थे। फिल्म बनाने वालों ने इस फिल्म में अमर सिंह, लालू प्रसाद यादव और शत्रुघ्न सिन्हा जैसी हस्तियों को शामिल करने की योजना भी बनाई थी, लेकिन मनोज तिवारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए और लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला के मामले में जेल चले गए। अफसोस की जया की यह फिल्म अब तक पर्दे पर नहीं आ सकी।
पर्दे के अलावा जया का जलवा राजनीति में भी खूब रहा है। जया पर्दा साल 1994 में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) में शामिल हो हुईं। साल 1996 में उन्हें आंध्र प्रदेश से राज्यसभा में मनोनीत किया गया। हालांकि बाद में जया समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं। और साल 2004 के आम चुनाव में रामपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की। राजनीति के मैदान पर अमर सिंह से जया की नजदीकियां सबसे ज्यादा रही हैं। निजी जीवन में जया ने फिल्म प्रोड्यूसर श्रीकांत नहाटा से शादी रचाई। श्रीकांत पहले से ही शादीशुदा थे और 3 बच्चों के पिता भी थे। इस शादी को लेकर उस समय काफी बवाल भी मचा था।