मलेशियाई पीएम से मिला जाकिर नाईक, एक दिन पहले ही प्रत्‍यर्पण से किया था इनकार

भारत के भगोड़े जाकिर नाईक ने शनिवार (7 जुलाई) को मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद से मुलाकात की। मलेशिया के प्रधानमंत्री ने एक दिन पहले ही कहा था कि उनका देश जाकिर नाईक को भारत को नहीं सौंपेगा। शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारतीय इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक ने मलेशिया में कोई समस्या पैदा नहीं की तो उसे वापस भारत नहीं भेजा जाएगा। मलेशिया की सरकार के मुताबिक वहां उसे स्थाई निवासी का दर्जा मिला हुआ है। शनिवार को मलेशियाई मीडिया ने कई तस्वीरें और वीडियो जारी किये। इन तस्वीरों में जाकिर नाईक पीएम महाथिर मोहम्मद के साथ दिख रहा है। हालांकि ये मीटिंग पहले से तय नहीं थी इसलिए दोनों के बीच की मुलाकात काफी छोटी रही। मुलाकात के दौरान जाकिर नाईक और पीएम महाथिर मोहम्मद के बीच क्या बात हुई इसकी भी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है।

मलेशिया के गृहमंत्री मुहीउद्दीन यासीन ने इससे पहले कहा था कि अगर नाईक ने देश का कोई कानून तोड़ा तो उसे मलेशियाई प्रशासन को उसका जवाब देना होगा। मलेशियाई मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार मलेशिया के पुलिस महानिरीक्षक मोहम्मद फुजी हारून ने कल ही इन संभावनाओं को खारिज किया था कि नाइक को भारत भेजा जाएगा। मलेशियाई मीडिया की इन रिपोर्टों के बाद नाइक ने एक बयान में कहा था कि वह उस वक्त तक भारत नहीं लौटेगा जब तक वह ‘‘ अनुचित अभियोजन से खुद को सुरक्षित नहीं ’’ महसूस करता। बता दें कि जाकिर नाईक के भारत लाये जाने की खबरें भी मीडिया में आई थी, लेकिन कुछ ही घंटों के बाद ये रिपोर्ट गलत साबित हुई थी। वहीं जाकिर नाईक ने कहा है कि उसके खिलाफ लगाये गये सारे आरोप झूठे हैं।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवाद और धनशोधन के अरोपों के तहत नाइक के खिलाफ जांच की थी। वह दो साल पहले जुलाई में भारत से चला गया था। एनआईए ने सबसे पहले 2016 में आतंकवाद निरोधी कानून के तहत विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच कथित रूप से दुश्मनी बढ़ाने के सिलसिले में एक मामला दर्ज किया था।बाद में एनआईए और मुंबई पुलिस ने नाइक के न्यास के कुछ पदाधिकारियों के आवासीय परिसर समेत मुंबई में 10 स्थानों पर छापे मारे थे।

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