मशहूर दुर्गा मंदिर के अंदर तांत्रिक क्रिया? आंध्र प्रदेश सरकार ने दिए जांच के आदेश

विजयवाड़ा के कनक दुर्गा मंदिर में तांत्रिक अनुष्ठान किए जाने का मामला सामने आने पर आंध्र प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। 26 दिसंबर को तांत्रिक पूजा के आरोप लगने के बाद एक कार्यकारी अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। त्रिमूला के वेंकटेश्वर मंदिर के बाद कनक दुर्गा मंदिर को राज्य का प्रमुख और भीड़भाड़ वाला मंदिर माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरोप थे कि मंदिर बंद होने के बाद प्रमुख पुजारी बद्रीनाथ बाबू की जानकारी में तांत्रिक पूजा की गई। इसके बाद सरकार ने कार्यकारी अधिकारी सूर्या कुमारी को सस्पेंड करके रामचंद्र मोहन को उनकी जगह दे दी है।

मंगलवार को सूर्या कुमारी ने मीडिया को बताया कि पुजारी मंदिर की सफाई होने के बाद उसे पवित्र करने के लिए मंत्रों का उच्चारण कर रहे थे। ये हर महीने किए जाने वाली परंपरा है और वहां किसी भी तरह की तांत्रिक पूजा नहीं की गई थी। वहीं पुलिस को मिली वीडियो फुटेज के अनुसार 26 दिसंबर को मंदिर बंद होने के बाद 3 पुजारियों के साथ एक व्यक्ति पूजा करता हुआ दिख रहा है। विजयवाड़ा में वीडियो में दिख रहे उन तीनों पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्होनें कबूल किया है कि मुख्य पुजारी की जानकारी में ये पूजा करवाई गई थी।

पुलिस ने बताया कि मंदिर भक्तों के लिए 9 बजे बंद हो जाता है लेकिन आरोपित पूजा विधि देर रात के 12.45 तक चली थी। स्थानीय मीडिया के अनुसार मुख्य पुजारी ने किसी भी तरह की तांत्रिक पूजा होने पर मना किया है और लोगों को इस तरह के अंधविश्वास को मानने के लिए कहा है। इसी के साथ मुख्य पुजारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज लोगों को मंदिर की सफाई विधि दिखाने के लिए उपलब्ध करवाई गई है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के इस मुद्दे में कूदने के बाद ये राजनीतिक मुद्दा बन गया, पार्टी के अधिकारिक प्रवक्ता अंबाती रामबाबू ने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के निर्देश पर तांत्रिक पूजा का आयोजन करवाया गया था जिससे उनके पुत्र नारा लोकेश अगले मुख्यमंत्री बन सकें।

 

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