महात्‍मा गांधी और जिन्‍ना की तुलना पर भड़के अदनान सामी, पाकिस्‍तानी यूजर को दिखाई ‘हकीकत’

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से पाकिस्तान के कायदे आजम मोहम्मद अली की जिन्ना की तुलना करने पर बॉलीवुड गायक अदनान सामी एक इंटरनेट यूजर पर भड़क गए। दरअसल गुरुवार (17 मई) को अदनान सामी ने संघर्ष और ताकत की सीख देने वाली महात्मा गांधी की एक कोट लिखी तस्वीर ट्वीट की थी। इस पर एक पाकिस्तानी लड़की ने अदनान के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए जिन्ना की तुलना महात्मा गांधी से कर दी। इसके बाद लड़की और अदनान सामी के बीच लंबी बहस चली। अदनान ने महात्मा गांधी की जो तस्वीर ट्वीट की थी, उसमें अंग्रेजी में लिखे संदेश का मतलब निकलता है- ”जीतने से ताकत नहीं आती है। आपका संघर्ष आपकी ताकत को विकसित करता है। जब आप कठिनाइयों का सामना करते हैं और हार नहीं मानने का फैसला करते है, वहीं ताकत होती है।” अदनान ने इस तस्वीर के लिए कैप्शन दिया- ‘ब्रिलिएंट!’ इस पर फराह हिजाजी नाम की पाकिस्तानी लड़की ने रीट्वीट में लिखा- ”Nothing better then Mohammad Ali Jinnah! (मोहम्मद अली जिन्ना से अच्छा कोई नहीं)।”

अदनान ने लड़की की इस बात के जवाब में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर लिखा एक कोट पोस्ट करते हुए लिखा- ”Indeed… Then try following this principle he said my dear… (वास्तव में… तो इस सिद्धांत को मानना शुरू करो जो उन्होंने कहा था माई डियर)।” जिन्ना के कोट में अंग्रेजी में जो लिखा था, उसका मतलब होता है- ”धर्म को राजनीति में आने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए…. धर्म केवल आदमी और ईश्वर के बीच का मामला है।” अदनान के समझाने पर भी लड़की नहीं मानी और उसने अल्लामा इकबाल के सहारे हिंदुओं और सिखों पर निशाना साधा। हिजाजी ने लिखा- ”अल्लामा इकबाल महान शख्स थे, उनकी दृष्टि, उनका संघर्ष! अल्लाह का शुक्र है कि हमें पाकिस्तान मिल गया वरना हिंदू और सिख हमारे घरों पर राज कर रहे होते।” इस पर अदनान ने जिन्ना की एक और कोट से लड़की का जवाब दिया।

अदनान ने लिखा- ”उस मामले में माई डियर मैं तुम्हारे सामने हमारे कायदे-आजम की कही एक बात रखता हूं। क्या आज इसे माना जाता है? अगर नहीं, तो पाक देश ने अपने स्वयं के रचनाकारों और पूर्वजों द्वारा सृजन के उद्देश्य को धोखा दिया है। दुखद, सच्चाई और हकीकत!” अदनान के द्वारा पोस्ट किए गया जिन्ना का कोट 11 अगस्त 1947 को पाकिस्तान की संविधान सभा में दिया गया था, जिसका मतलब होता है- ”पाकिस्तान में आप स्वतंत्र हैं, आप अपने मंदिरों में जाने के लिए स्वतंत्र हैं, आप अपनी मस्जिदों में जाने के लिए या पूजा के किसी अन्य स्थल पर जाने के लिए स्वतंत्र हैं। आप किसी भी धर्म, जाति या मत के हो सकते हैं उसका मुल्क के कामों से कुछ भी लेना देना नहीं है।”ॉ

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