महाराष्ट्र में मराठों को लुभाने की कोशिश, सीएम फडणवीस बोले- 16 फीसदी आरक्षण देने को तैयार, बशर्ते..
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि यदि बंबई उच्च न्यायालय मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की अनुमति देता है तो प्रदेश में रिक्त 72 हजार पदों को भरते वक्त 16 प्रतिशत पद समुदाय के लोगों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। फडणवीस ने यह घोषणा विपक्षी सदस्यों द्वारा सरकार पर मराठा समुदाय को आरक्षण देने के अपने वादे से पीछे हटने के आरोपों के जवाब में की। फडणवीस ने मराठा और धनगर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले लोगों से यह अनुरोध भी किया कि वे ‘आषाढ़ी एकादशी’के दिन पंढ़रपुर में प्रदर्शन नहीं करें ताकि भगवान विट्ठल का दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा नहीं हो। इस साल आषाढ़ी एकादशी 23 जुलाई को है। नौकरी और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण देने में सरकार की ‘विफलता’के खिलाफ मराठा समुदाय के सदस्यों ने हाल में पंढरपुर में प्रदर्शन की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला इस वक्त बंबई उच्च न्यायालय में लंबित है और इसका राजनीतिककरण नहीं किया जाना चाहिए। सरकार ने हाल में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 72 हजार पदों को भरने की घोषणा की थी। ये पद दो चरणों में भरे जाएंगे। पहले चरण में 36 हजार पद भरे जाएंगे। पहले चरण की भर्ती के लिए इस महीने के अंत तक विज्ञापन जारी होने के आसार हैं। उन्होंने विधानसभा में कहा, ‘‘कुछ लोग कह रहे हैं कि अगर हम बड़ी भर्ती पर आगे बढ़ते हैं और यदि उच्च न्यायालय मराठा समुदाय को आरक्षण दे देता है तो ये पद उनके लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे। मैं आश्वस्त करना चाहूंगा कि हमारे पास इससे ज्यादा पद उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ अगर मराठाओं को आरक्षण मिलता है तो हम 72,000 पदों में से 16 प्रतिशत पदों को बैकलॉग के तौर पर भरेंगे। लिहाजा समुदाय के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। मराठा समुदाय राजनीतिक तौर पर प्रभावशाली है और वे पिछड़ा वर्ग श्रेणी में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग कर रहा है, जबकि धनगर समुदाय अनुसूचित जनजाति के तहत आरक्षण की मांग कर रहा है। विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने आरोप लगाया कि सरकार मुसलमानों को दिए गए पांच प्रतिशत आरक्षण को उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद लागू नहीं कर रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में अदालत से राय मांगी है और मामला लंबित है।