महाराष्ट्र: विवाद के बाद बीजेपी नेता की बेटी ने ठुकराई सरकारी स्कॉलरशिप, पूछा- मंत्री की बेटी होना गुनाह है?

महाराष्ट्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार के मंत्री की बेटी ने विवाद उत्पन्न होने के बाद छात्रवृति लेने से इनकार कर दिया है। महाराष्ट्र के मंत्री राजकुमार बडोले की बेटी ने कहा है कि वह विदेश में पढ़ने के लिए राज्य सरकार की छात्रवृति नहीं लेगी। इस मुद्दे को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इस खबर के बाद सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले से संभवत: हितों के टकराव को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है कि उनकी बेटी श्रुति का नाम विदेश में उच्च शिक्षा अर्जित करने के लिए सरकारी छात्रवृति के लाभार्थियों की सूची में है। आईआईटी मद्रास की स्रातक श्रुति ने छात्रवृति मांगने के अपने फैसले का बचाव किया लेकिन यह भी कहा कि अब वह छात्रवृति नहीं लेगी। उसने कहा, ‘‘मानचेस्टर विश्वविद्यालय में मैं जो कोर्स करने जा रही हूं उसके लिए कोई छात्रवृति नहीं है। इसलिए, मैंने सरकार द्वारा प्रदत्त छात्रवृति के लिए आवेदन दिया। क्या यह मेरी गलती है कि मैं मंत्री की बेटी हूं।’’ उसने दावा किया कि उसके पिता ने खुद को चयन प्रक्रिया से अलग कर लिया था। इस बीच मंत्री बडोले और दो वरिष्ठ नौकरशाहों ने एक सरकारी बयान में कहा कि चयन गुणदोष पर आधारित था और उन्होंने कोई भूमिका नहीं निभायी।

सामाजिक न्याय विभाग अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रवृति देता है। इस साल लाभार्थियों की सूची में श्रुति और दो वरिष्ठ नौकरशाहों के बेटों के नाम आने से उनकी सुविधासंपन्न पृष्ठभूमि के संदर्भ में विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि तकनीकी तौर पर ये सभी छात्र सभी मापदंड पूरा करते हैं।  श्रुति ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स में तीन साल का पीएचडी कोर्स कर रही हैं। यह लिस्ट चार सितंबर को मिनिस्ट्री ऑफ हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन ने जारी की थी। इस तहत विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों को हवाईजहाज की इकोनॉमी क्लास का फ्लाइट का रिटर्न टिकट, पढ़ाई के लिए पूरी फीस और अन्य भत्ते दिए जाते हैं।

 

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