महिला क्रिकेट टीम पर जमकर बरसे जबरन हटाए गए कोच, बोले- बच्चे ही तय करने लगे अपना सिलेबस
भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कोच को उनके पद से एक साल के भीतर ही हटा दिया गया है। ये कार्रवाई टीम को हाल के मैचों में मिली हार और खिलाड़ियों में पनप रही अलगाव की भावना को देखते हुए लिया गया है। ये कार्रवाई विश्व टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता के आयोजन से सिर्फ 4 महीने पहले की गई है। कोच तुषार अरोथे, जुलाई 2017 में इंग्लैंड में आयोजित महिला क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में भारतीय टीम के पहुंचने की अहम वजह माने गए थे। सोमवार (9 जुलाई) को ‘निजी कारणों’ का हवाला देते हुए उन्हें पद से हटा दिया गया। कोच तुषार इस पूरे घटनाक्रम से बेहद आहत हैं। उन्होंने गुरुवार (12 जुलाई) को मीडिया से बातचीत में कहा,”अब खिलाड़ियों को कोच की किस्मत तय करने दी जा रही है। ये गलत परंपरा की शुरूआत हो रही है।”
अरोथे ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया,”अगर विद्यार्थी खुद सिलिबस और कोर्स में पढ़ाई जाने वाली चीजें तय करेंगे तो फिर शिक्षक क्या करेगा? मुझे नहीं लगता कि ये अच्छी बात है। इसी तरह, अगर आपने खिलाड़ियों की शिकायतों पर कोच को हटाना शुरू कर दिया, तो आप गलत परंपरा की नींव डाल रहे हैं।”
51 वर्षीय कोच अरोथे को बीसीसीआई ने टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों की तरफ से मिली शिकायतों के बाद हटा दिया। उनकी ट्रेनिंग के तरीकों के बारे में शिकायत करने वालों में महिला टी—20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर का नाम प्रमुख है। अरोथे को पिछले साल अप्रैल में कोच बनाया गया था। ये कार्रवाई उस वक्त हुई थी जब पूर्व महिला कप्तान पूर्णिमा राउ को बोर्ड ने कोच के पद से हटा दिया था।
कोच तुषार अरोथे ने पीटाआई को बताया,” खिलाड़ियों की मुख्य शिकायत दिन में दो बार ट्रेनिंग का सत्र होना है। इस सत्र से लड़कियों को एशिया कप तक कोई शिकायत नहीं थी। लेकिन ये शिकायतों का दौर पिछले साल के विश्व कप से शुरू हुआ है। आप एक तरफ तो दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनना चाहते हैं और दूसरी तरफ मेहनत से बचना चाहते हैं, दोनों एक साथ नहीं हो सकते हैं।”