महिला पत्रकार ने लिखा- हथियार लेकर चलो, वो हमें मारे उससे पहले उन्‍हें मार दो, लोगों ने बुरी तरह लताड़ा

कासगंज में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। ट्विटर पर पत्रकार जागृति शुक्‍ला के ट्वीट को कई यूजर्स ने ‘भड़काऊ और एक समुदाय विशेष के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने वाला’ बताया है। शुक्‍ला ने सोमवार (29 जनवरी) की सुबह ट्वीट किया, ”उन्‍होंने हमें ट्रेन में मारा, हमारे विमान लूटे, होटल में हमें बंधक बनाया, हमें कश्‍मीर से भागने पर मजबूर किया और अब गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराने के लिए मार रहे हैं। सच ये है कि हम डर में रहते हैं, वो नहीं। अब और नहीं। हमेशा घातक हथियार साथ में रखिए। उन्‍हें मार दीजिए, इससे पहले वो हमें मार दें।” जागृति के इस ट्वीट पर कई वरिष्‍ठ पत्रकारों समेत आम यूजर्स ने भी आपत्ति जताई है और ट्विटर इंडिया से उनके खाते को बंद करने को कहा है। ब्‍लॉगर रिचा सिंह ने लिखा है, ”अभी भी जागृति शुक्‍ला के ट्वीट से उबर नहीं सकी हूं। उन्‍हें इतनी हिम्‍मत कहां से मिलती है? क्‍या यह एक तथ्‍य है कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी क्‍योंक‍ि वर्तमान सरकार इन्‍हीं सांप्रदायिक भावनाओं पर आगे बढ़ती है।”

कई यूजर्स ने दिल्‍ली पुलिस को टैग कर जागृति के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है। पंकज मिश्रा लिखते हैं, ”प्रिय दिल्‍ली पुलिस, हमें पता है कि किसी निष्‍पक्ष और त्‍वरित कार्रवाई में आपके सामने क्‍या राजनैतिक कठिनाइयां आएंगी लेकिन कृपया इस बार हमें निराश न करें। यह तथाकथित पत्रकार (जागृति शुक्‍ला) नरसंहार की अपील कर रही है। इन्‍हें जल्‍द से जल्‍द सलाखों के पीछे होना चाहिए।”

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