मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी: रोमिला थापर और चार अन्य पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
भीमा-कोरेगांव मामले के सिलसिले में पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में इतिहासकार रोमिला थापर और चार अन्य कार्यकर्ताओं ने बुधवार उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की। महाराष्ट्र पुलिस द्वारा कल गिरफ्तार किये गये इन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर माओवादियों से संपर्क होने का संदेह है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस याचिका का उल्लेख कर इस पर आज ही सुनवाई करने का अनुरोध किया। न्यायालय इस याचिका पर अपराह्न पौने चार बजे सुनवाई के लिये तैयार हो गया। वही ंदूसरी ओर महाराष्ट्र को राष्ट्रीय मानवाधिकार ने नोटिस दिया है।
न्यायालय में दायर याचिका में इन कार्यकर्ताओं की रिहाई का अनुरोध किया गया है। इसके अलावा, इन गिरफ्तारियों के मामले की स्वतंत्र जांच कराने का भी अनुरोध याचिका में किया गया है। पुणे के निकट कोरेगांव-भीमा गांव में पिछले साल 31 दिसंबर को आयोजित एलगार परिषद के बाद दलितों और सवर्ण जाति के पेशवाओं के बीच हिंसा की घटनाओं के सिलसिले में चल रही जांच के दौरान कल देश के कई हिस्सों में छापे मारे गये थे।
गौरतलब है कि इससे पहले पुणे पुलिस ने माओवादियों से जुड़ाव के संदेह में देश भर में नामी कार्यकर्ताओं के आवास पर मंगलवार को तलाशी ली गई थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिछले साल पुणे में एक कार्यक्रम के बाद महाराष्ट्र के कोरेगांव भीमा गांव में हुई हिंसा की जांच के तहत छापे मारे गए हैं। उन्होंने बताया कि हैदराबाद में वामपंथी कार्यकर्ता और कवि वरवर राव, मुंबई में कार्यकर्ता वेरनोन गोन्जाल्विस और अरूण फरेरा, छत्तीसगढ़ में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज और दिल्ली में रहने वाले सिविल लिबर्टीज के कार्यकर्ता गौतम नवलखा के घरों की तलाशी ली गयी।
वर्ष 1818 में हुई कोरेगांव भीमा लड़ाई के 200 साल होने पर पिछले साल 31 दिसंबर को एल्गार परिषद घटनाक्रम के सिलसिले में जून में गिरफ्तार पांच लोगों में से एक के घर पर पुलिस की तलाशी के दौरान जब्त पत्र में राव का नाम आया था। घटना के बाद विश्रामबाग थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, कार्यक्रम में कथित तौर पर ‘‘भड़काऊ’’ टिप्पणी करने के बाद जिले के कोरेगांव भीमा गांव में हिंसा हुयी थी। इसके बाद माओवादियों से जुड़ाव के आरोप में जून में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुयी थी।
जून में एक साथ छापे के बाद दलित कार्यकर्ता सुधीर धावले को मुंबई में उनके घर से गिरफ्तार किया गया जबकि वकील सुरेंद्र गाडलिंग, कार्यकर्ता महेश राऊत और शोमा सेन को नागपुर से और रोना विल्सन को दिल्ली में मुनीरका में उनके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किये गए पांचों लोगों और उनके साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों के घरों पर छानबीन की गयी ।