मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने की उत्कृष्ट संस्थानों की घोषणा, आइआइटी दिल्ली सहित छह संस्थान शामिल
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को छह विश्वविद्यालयों को उत्कृष्ट संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस) का दर्जा देने की घोषणा की। इनमें सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों में आइआइटी दिल्ली, आइआइटी बॉम्बे और आइआइएससी बंगलुरु शामिल हैं। मंत्रालय ने निजी क्षेत्र से मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, बिट्स पिलानी और जियो इंस्टीट्यूट को भी उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा प्रदान किया है। मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्विटर के माध्यम से इसकी जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा कि देश के लिए उत्कृष्ट संस्थान काफी महत्त्वपूर्ण है। हमारे देश में 800 विश्वविद्यालय हैं लेकिन एक भी विश्वविद्यालय विश्व रैंकिंग के शीर्ष 100 या 200 में शामिल नहीं है।
इस फैसले से इसे हासिल करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे इन संस्थानों के स्तर एवं गुणवत्ता को तेजी से बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और पाठ्यक्रमों को भी जोड़ा जा सकेगा। इसके अलावा विश्वस्तरीय संस्थान बनाने की दिशा में जो कुछ भी जरूरी होगा, किया जा सकेगा। मंत्री ने कहा कि रैंकिंग में सुधार के लिए सतत योजना, पूर्ण स्वतंत्रता और सार्वजनिक संस्थानों को सरकारी फंड मिलना आवश्यक होता है। एनडीए सरकार की प्रतिबद्धता है, संस्थानों में हस्तक्षेप नहीं करना और उन्हें काम करने की पूरी स्वतंत्रता देना। उन्होंने कहा कि इस दिशा में केंद्र सरकार की ओर से एक और मील का पत्थर स्थापित करने वाली गुणवत्तापूर्ण पहल की गई।
विशेषज्ञ समिति की ओर से उत्कृष्ट संस्थानों का चयन किया गया है और हम छह विश्वविद्यालयों की सूची जारी कर रहे हैं जिसमें तीन सार्वजनिक क्षेत्र के और तीन निजी क्षेत्र के संस्थान शामिल हैं। जावडेकर ने कहा कि इसके बारे अब तक न सोचा गया और प्रयास किया गया था। यह श्रेणीबद्ध स्वायत्तता से कहीं आगे की चीज है और वास्तव में संस्थानों की पूर्ण स्वायत्ता जैसा है। उन्होंने कहा कि इससे संस्थान अपना निर्णय ले सकेंगे। आज का निर्णय एक तरह से पूर्ण स्वायत्तता है और इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी छात्र को शिक्षा के अवसर एवं छात्रवृत्ति, ब्याज में छूट, फीस में छूट जैसी सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सके।
जावडेकर ने आइआइटी दिल्ली, आइआइटी बॉम्बे और आइआइएससी बंगलुरु के साथ मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, बिट्स पिलानी और जियो इंस्टीट्यूट को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा मिलने पर बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में और संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थान के रूप में मान्यता मिल सकेगी। जावडेकर ने कहा कि देश के आइआइटी में लड़कियों की हिस्सेदारी 14 फीसद हो गई है और दो साल पहले की तुलना में यह 8 फीसद की वृद्धि है। मंत्री ने आइआइएससी बंगलुरु को गौरव का विषय बताया और कहा कि इस संस्थान में बेहतर बनने की संभावना है। यह संस्थान सार्वजनिक क्षेत्र का संस्थान है, इसे पूर्ण स्वायत्ता प्रदान किया गया है ताकि यह वास्तव में विश्वस्तरीय संस्थान बन सके।
जियो इंस्टीट्यूट भी सूची में, सोशल मीडिया पर उठे सवाल
मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय की ओर से जारी छह उत्कृष्ट संस्थानों सूची में रिलायंस फाउंडेशन के जियो इंस्टीट्यूट को शामिल करने के फैसले पर सोशल मीडिया पर आम लोगों ने सवाल उठाए। ट्विटर से लेकर फेसबुक पर लोगों ने कहा कि एक संस्थान बिना शुरू हुए कैसे उत्कृष्ट संस्थानों की सूची में शामिल हो सकता है। ट्विटर पर सिड कहते हैं, ‘जियो संस्थान के पास न तो इमारत है और न वेबसाइट? क्या वहां किसी ने पढ़ाई की है? फिर सरकार ने इसे उत्कृष्ट संस्थान क्यों घोषित किया है और एक हजार करोड़ रुपए देगी?’ राहुल राज लिखते हैं ‘प्रिय एचआरडी मंत्री यदि जियो संस्थान आइआइटी और एनआइटी से बेहतर है तो आइआइटी जैसे संस्थान खोलना बंद कर दो। भारत की शिक्षा व्यवस्था को मजाक बनाने के लिए धन्यवाद।’ रोहित प्रसाद निगम लिखते हैं ‘मैंने तो आज तक जियो इंस्टीट्यूट का नाम नहीं सुना, आपने सुना है?’ इसी तरह अपने मन की बात लोग फेसबुक पर भी लिख रहे हैं। एचआरडी मंत्री प्रकाश जावडेकर विश्व संस्कृत सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा गए हैं और वहीं से ही उन्होंने ट्विटर के माध्यम से इस सूची को जारी किया है।