मायावती के लिए ‘कुर्बानी’ देने को तैयार अखिलेश, योगी के मंत्री बोले- आपस में लड़कर खत्म हो जाएंगे बुआ-बबुआ
2019 लोकसभा चुनाव से पहले सपा-बसपा गठबंधन को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार (10 मई) को मैनपुरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा है कि वो गठबंधन के लिए त्याग करने को राजी हैं। अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि अगर उन्हें गठबंधन के लिए कुछ कम सीटों पर भी समझौता करना पड़ेगा तो वो पीछे नहीं हटेंगे। यानी साफ है कि आम चुनावों में अखिलेश यादव, मायावती के लिए कुर्बानी देंगे।
इधर बुआ और बबुआ के इस सियासी गठबंधन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तंज कसा है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि बबुआ और बुआ लड़कर खत्म हो जाएंगे। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह गठबंधन किसी मुद्दे पर नहीं है और मुद्दा विहिन गठबंधन कभी काम नहीं करता। वो सभी 2019 का चुनाव आते-आते खत्म हो जाएंगे। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं। भाजपा गठबंधन के पास अभी 73 सीटें हैं, जबकि सपा के पास 5 और कांग्रेस के हिस्से में 2 सीटें हैं। 2014 के चुनाव में बसपा का यहां खाता भी नहीं खुला था।
पिछले दिनो यूपी के फुलपुर और गोरखपुर सीट पर हुए उपचुनाव में सपा और बसपा ने गठबंधन कर भाजपा को करारी शिकस्त दी थी। जिसके बाद से इस गठबंधन को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि सपा या फिर बसपा की तरफ से 2019 लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर अभी कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन मैनपुरी में अखिलेश यादव ने अपनी तरफ से इतना तो साफ कर दिया है कि 2019 में वो बुआ के साथ गठबंधन में बने रहना चाहते हैं और इस गठबंधन की खातिर वो उनका जूनियर बनने को भी तैयार हैं।
हालिया उपचुनाव के नतीजों के बाद कई राजनीतिक पंडितों का यह मानना है कि अगर 2019 में सपा-बसपा गठबंधन एक साथ मैदान में उतरते हैं तो भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। हालांकि बसपा सुप्रीमो मायावती यह साफ कर चुकी है कि अगर उनकी पार्टी को चुनाव में सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो बसपा अकेले ही चुनाव में उतरेगी।