मायावती के लिए चाहिए 37 वोट: डिनर में नहीं आएंगे चाचा शिवपाल, अखिलेश ने दो निर्दलीयों को भेजा न्योता

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आज (21 मार्च को) लखनऊ के एक फाइव स्टार होटल में करीब 200 लोगों को रात्रिभोज देंगे। इस भोज के लिए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, उनके दोनों भाई शिवपाल सिंह यादव और रामगोपाल यादव को भी न्योता भेजा गया है। हालांकि, भोज से पहले ही शिवपाल सिंह यादव सैफई के लिए रवाना हो चुके हैं, जबकि मुलायम लिंह यादव के भोज में शामिल होने पर अभी सस्पेंस बना हुआ है क्योंकि उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही है। इससे पहले आज ही अखिलेश यादव ने राज्यसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई थी मगर बैठक में सिर्फ 40 विधायक ही शामिल हुए। शिवपाल और उनके छह समर्थक विधायकों ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया।

बता दें कि सपा के कुल 47 विधायक हैं। इस लिहाज से पार्टी अपने उम्मीदवार जया बच्चन को आसानी से राज्यसभा भेज सकती है लेकिन मायावती से दोस्ती निभाने और उसके उम्मीदवार भीम राव अंबेडकर को जीत दिलाने के लिए अखिलेश यादव को मेहनत करनी पड़ रही है। फिलहाल उनके पास 10 सरप्लस विधायक हैं लेकिन सांसद नरेश अग्रवाल के बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके सपा विधायक बेटे नितिन अग्रवाल पर सस्पेंस है। यानी सपा के नौ वोट और बसपा के 19 वोट मिलाकर कुल 28 वोट होते हैं। कांग्रेस ने भी बसपा को समर्थन का एलान किया है। उसके सात विधायक हैं। इस तरह 35 विधायकों का जुगाड़ हो गया। जबकि जीत के लिए 37 विधायकों का वोट चाहिए। अजीत सिंह की आरएलडी के एक विधायक ने भी साथ देने का वादा किया है मगर निषाद पार्टी के एक मात्र विधायक विजय मिश्रा ने ऐन वक्त पर पलटी मार दी है और एलान किया है कि बीजेपी को वोट करेंगे। इससे एक वोट की कमी पड़ गई है।

23 मार्च को राज्यसभा के लिए चुनाव होने हैं। उत्तर प्रदेश से भी 10 सीटों के लिए वोटिंग होनी है। बीजेपी ने कुल नौ प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।

सपा अध्यक्ष ने इसका भी जुगाड़ निकाल लिया है। अखिलेश सरकार में मंत्री रहे और निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को भी रात्रिभोज में बुलाया गया है। माना जा रहा है कि राजा भैया के साथ उनके करीबी और बाबागंज से निर्दलीय विधायक विनोद सरोज भी रात्रिभोज में शामिल होंगे। राजा भैया को मुलायम सिंह का काफी करीबी माना जाता है। अगर इन दोनों निर्दलीय विधायकों ने बसपा उम्मीदवार को वोट कर दिया तो भीम राव अंबेडकर का संसद पहुंचना तय है। हालांकि, राजा भैया और बसपा के बीच रिश्ते कभी मधुर नहीं रहे। बीजेपी ने भी इसे भंजाने की कोशिश की है मगर राजा भैया किसे 23 मार्च को राजा बनाएंगे, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

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