मारपीट और रिश्वतखोरी के आरोप में थानाध्यक्ष लाइनहाजिर
कानून को ताक पर रखने के आरोप में लाइनहाजिर होने वाले दिल्ली पुलिस अधिकारियों में रविवार को मियांवाली थाने के एसएचओ का नाम भी जुड़ गया। दोस्तों के साथ पार्टी कर रहे संभ्रांत परिवार के आधा दर्जन युवाओं के साथ मियांवलीनगर इलाके में पुलिस ने वह सब कुछ किया जो कानून के खिलाफ था। युवकों को मनचले बताकर पहले मनमाफिक पिटाई की गई और फिर सरकारी जिप्सी से थाने लाकर सुविधा शुल्क वसूला गया। आरोप है कि तीन लाख रुपए मांगे गए और बात आते-आते 25 हजार पर पूरी हुई। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मधुर वर्मा का कहना है कि शुरुआती जांच के बाद थानाध्यक्ष सहित तीन अन्य पुलिसवालों को लाइनहाजिर कर दिया गया है। बाहरी जिले के अतिरिक्त उपायुक्त की देखरेख में आगे की जांच शुरू कर दी गई है। आगे की जांच के बाद थाने के अन्य अधिकारियों की संलिप्तता का पता चलेगा।
यह मामला तब सामने आया जब पीड़ित युवकों में एक के पिता और थानाध्यक्ष की बातचीत की रिकार्डिंग ही नहीं बल्कि पुलिस और उनके साथियों के हाथों युवकों की पिटाई का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आ गया। पीड़ितों की पहचान आयकर विभाग में कार्यरत सचिन सैनी, केंद्रीय आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर पंकज सैनी, डॉक्टर की पढ़ाई कर रहे एनआरआइ युवक नितिन नायर, दिल्ली के व्यापारी दीपक गर्ग, राहुल जैन और छात्र आकाश सैनी के रूप में हुई है। पंकज और सचिन दोनों भाई हैं और पश्चिम विहार इलाके में परिवार के साथ रहते हैं। घटना 21 जनवरी की रात की है।
22 जनवरी को पंकज और आकाश के पिता महावीर सिंह सैनी ने बाहरी जिला के पुलिस उपायुक्त को मियांवलीनगर थानाध्यक्ष समेत उनके साथियों पर मारपीट करने और वसूली करने का आरोप लगाया था। उन्होंने बताया था कि 21 जनवरी की रात को उनके दोनों बेटे अपने बड़े भाई सचिन सैनी का मियांवलीनगर स्थित पेट्रोल पंप पर इंतजार कर रहे थे। कुछ देर बाद सचिन अपने दोस्त दीपक, राहुल और नितिन के साथ पेट्रोल पंप पहुंचा। वहां पर तीन पुलिस वाले आए। पुलिस वालों ने उनसे पूछा कि तुम सब यहां पर क्या कर रहे हो। उन्होंने कहा कि अंकल हम अपने दोस्त सचिन को छोड़कर अन्य साथियों पंकज और आकाश से मिलकर जा रहे हैं। इस बीच मौके पर हुंडई आई-10 कार आकर रुकी। कार से एक व्यक्ति नीचे उतरा। उन्हें देखते ही अचानक पुलिसवालों ने सभी युवकों को मारना शुरू कर दिया। उनकी लात-घूसों से पिटाई की गई। कार से जो लोग आए थे उसने भी इन युवकों की पिटाई की। पीड़ित जब पेट्रोल पंप की तरफ भागे तो उनको गेट के अंदर ले जाकर पहले उनके कार की चाबी, मोबाइल फोन ले लिए गए।
शिकायकर्ता ने पुलिस उपायुक्त को पूरी घटना सिलसिलेवार तरीके से बताई थी। पीड़ित परिवार को जब घटना की जानकारी मिली तो वे भौंचक्के रह गए। रात ढाई बजे महावीर सैनी थानाध्यक्ष ने उन्हें थाने आने को कहा। वे अपनी पत्नी के साथ मियांवलीनगर थाने पहुंचे। थाने के एक कमरे में पीड़ितों को बंद कर रखा गया था। युवकों ने उन्हें पूरी घटना बताई। शिकायतकर्ता ने बताया कि हमने भूपेंद्र को कहा कि बच्चों से गलती हो सकती है, उन्हें छोड़ दें। भूपेंद्र ने कहा कि अब मामला उनके हाथ में नहीं है लिहाजा तीन लाख रुपए की मांग की। भूपेंद्र ने यह भी कहा कि यह मामला जिले के आला पुलिस अधिकारियों की नजर में है लिहाजा बहुत आसानी से युवक नहीं छूट पाएंगे। रिश्वत देने से इनकार करने पर सैनी अपनी पत्नी को लेकर वापस घर आ गए। सर्दी में पूरी रात हवालात में बच्चे के रहने के बाद सुबह करीब पांच बजे कुछ पैसे लेकर वे दोबारा थाने पहुंचे। तब तक भूपेंद्र पिघल चुका था। उसके कथित आला अधिकारी घटना को भूल चुके थे सो भूपेंद्र ने 25 हजार रुपए लेकर सभी को चेतावनी देकर छोड़ दिया।