मालदीव में 2 भारतीय पत्रकार गिरफ्तार, लोगों ने की सुषमा स्वराज से हस्तक्षेप करने की गुहार
मालदीव में दो भारतीय रिपोर्टरों को गिरफ्तार किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गिरफ्तार किए रिपोर्टर समाचार एजेंसी एएफपी के बताए जा रहे हैं। यह मामला ऐसे समय सामने आया है जब मालदीव की मौजूदा सरकार और न्यायपालिका को लेकर संघर्ष चल रहा है। राष्ट्रपति अबदुल्ला यामीन ने मालदीव में आपातकाल लगा दिया है। सूत्रों के मुताबिक समाचार एजेंसी एएनआई को बताया गया है कि मालदीव में एएफपी के लिए काम कर रहे दो भारतीय पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है। पत्रकारों को किस जुर्म में गिरफ्तार किया गया है, यह अभी पता नहीं चल पाया है। बता दें कि मालदीव में आपातकाल के चलते किसी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को किसी तरह के वारंट की जरूरत नहीं है। इस मामले की जानकारी लगते ही लोगों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर के जरिये उनसे हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है।
मालदीव के मौजूदा हालातों के लिए दुनिया भर से लोगों ने राष्ट्रपति अबदुल्ला यामीन को जिम्मेदार मानते हुए उनकी आलोचना की है। आउटलुक इंडिया की खबर के मुताबिक विरोधी विपक्षी टेलीविजन नेटवर्क को शुक्रवार (9 फरवरी) को बंद कर दिया गया। राज्जे टीवी की तरफ से कहा गया है कि टीवी कर्मियों को धमकी मिल रही है कि वे हिंद महासागर द्वीपसमूह में राजनीतिक संकट की रिपोर्टिंग न करें, इसलिए प्रसारण रोक दिया गया है। विपक्ष के नेता ईवा अबदुल्ला ने कहा है कि प्रसारणकर्ताओं को सरकारी और अन्य लोगों से धमकियां मिल रही हैं।
बता दें कि हफ्ते भर पहले राष्ट्रपति अबदुल्ला यामीन ने मालदीव में आपातकाल की घोषणा कर दी थी और उन जजों को गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया था जिन्होंने राजनीतिक विरोधियों को रिहा करने का फैसला सुनाया था। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने मालदीव के राष्ट्रपति अबदुल्ला यामीन से आपातकाल खत्म करने के लिए कहा है। जबकि संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार प्रमुख जैद रा-अद अल हुसैन ने यामीन के काम को लोकतंत्र पर हमला करार दिया है। 2013 में जब से अबदुल्ला यामीन के हाथ में सत्ता आई है, तब से उन्होंने लगभग सभी राजनीतिक विरोधियों को जेल में भेज दिया है और अंतरराष्ट्रीय दवाब को भी नकारा है।