मास्टर्स मीट में हिस्सा लेने के लिए चीन ने नहीं दिया भारत की 101 साल की एथलीट को वीजा

चंडीगढ़ की रहने वाली 101 साल की एथलीट मन कौर ने पिछले चार महीने से पटियाला स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी को अपना अड्डा बनाया हुआ था। वह वहां पर एशियन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए अपने 79 साल के बेटे गुरदेव सिंह के साथ ट्रेनिंग हासिल कर रही थीं। चीन के रुबाओ में होने वाली यह चैंपियनशिप मंगलवार को शुरु हो गई। लेकिन कौर को चीन ने एशियन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के लिए वीजा देने से इनकार कर दिया। कौर ने अप्रैल महीने में न्यूजीलैंड में हुए वर्ल्ड मास्टर्स गैम्स में 100 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल किया था। मन कौर इकतौली भारतीय इथलीट है, जिन्हें चीन ने वीजा देने से मना कर दिया।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कौर ने कहा, ‘मेरा काम है दौड़ना और मैं यह काम करती रहूंगी। हम पिछले सप्ताह दिल्ली आए थे और हमने इंडियन मास्टर्स एथलेटिक्स एसोसिएशन के पत्र के साथ वीजा के लिए आवेदन किया था। शुक्रवार को चीनी दूतावास के अधिकारियों ने वीजा देने से मना कर दिया। लेकिन मैं शारीरिक और मानसिक तौर पर इवेंट्स के लिए तैयार हूं और ऐसे निराशाएं मुझे नहीं रोक सकती हैं।’

कौर ने 93 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया था। साल 2011 में उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर में गोल्ड मेडल हासिल किया था। इसके बाद इसी साल वर्ल्ड मास्टर्स चैंपियनशिप में उन्होंने दो इवेंट्स में गोल्ड जीता था। इस साल अप्रैल महीने में ऑकलैंड में हुए वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स में 100 साल से ज्यादा उम्र की हिस्सा लेने वाली एकमात्र एथलीट थीं। उन्होंने 100 मीटर की रेस एक मिनट 14 सैकेंड के अंतर से जीती थी। इसके बाद कौर चंडीगढ़ से पटियाला शिफ्ट हो गई और अपने बटे गुरदेव के साथ 400 मीटर रेस की भी ट्रेनिंग हासिल करना शुरू कर दिया। चीन में कौर 100 मीटर, 200 मीटर, शॉट पुट और जेवेलिन थ्रॉ में हिस्सा लेने वाली थीं।

कौर के बेटे गुरदेव सिंह ने भी ऑकलैंड में हुई प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। सिंह ने इस प्रतियोगिता में 100 मीटर, 200 मीटर रेस और लंबी कूद में हिस्सा लिया था, जिसमें उन्होंने एक सिल्वर मेडल भी जीता था। मां-बेटे दोनों का प्लान था कि चीन में चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के बाद वे लोग कनाडा जाएंगे। सिंह कनाडा में ही रहते हैं। वहां पर उन लोगों की अगले साल स्पेन में होने वाली वर्ल्ड मास्टर्स चैंपियनशिप के लिए ट्रेनिंग लेने की योजना थी।

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