मिशन 2019: वोटबैंक बढ़ाने के लिए राहुल गांधी की ये है रणनीति, CWC की मीटिंग में पार्टी नेताओं से बोले

साल 2019 के लोकसभा चुनाव अब सिर पर हैं। चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए रविवार (22 जुलाई) को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस की नवगठित केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी। इस बैठक की अध्यक्षता राहुल गांधी ने की। ये बैठक संसद भवन के एनेक्सी में आयोजित की गई। इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पी. चिदंबरम, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के अलावा कई अन्य नेताओं ने भी शिरकत की।

इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के महागठबंधन की पैरवी की। राहुल गांधी ने कहा,”पार्टी के वोटों के आधार को बढ़ाना हमारी सबसे बड़ी चुनौती है। हमें उन लोगों को तलाश करना होगा, जो हमेें वोट नहीं देते हैं। हमें ऐसी रणनीति विकसित करनी होगी जिससे हम उन तक पहुंच सकें और उनका भरोसा फिर से जीत सकें।” राहुल गांधी ने कांग्रेसजनों का आह्वान किया कि वे भारत के दबे-कुचले लोगों की लड़ाई लड़ें।

वहीं संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने समान विचारधारा वाली पार्टियों के बीच गठबंधन की पैरवी की और कहा कि इस प्रयास में हम सभी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ हैं। राहुल गांधी ने कहा कि नवगठित कांग्रेस कार्यसमिति अनुभव और जोश के तालमेल से लबरेज है। वहीं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा,”मैं और दूसरे सभी कांग्रेसजन भारत के सामाजिक सद्भाव और आर्थिक विकास को बहाल करने के मुश्किल भरे काम को पूरा करने में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ हैं।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने भारत के इतिहास में कांग्रेस की भूमिका और मौजूदा दौर में उसकी प्रासंगिकता के बारे में भी कांग्रेस जनों से चर्चा की। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह संवैधानिक संस्थाओं, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों पर हमले कर रही है। पीएम मोदी के बयानों से उनकी हताशा साफ दिख रही है। मोदी सरकार के जाने की ‘उलटी गिनती’ शुरू हो गई है।

आपको बता दें कि कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने इसी हफ्ते 51 सदस्यीय कार्य समिति का गठन किया था, जिसमें 23 सदस्य, 18 स्थाई आमंत्रित सदस्य और 10 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल किए गए हैं। पुरानी कमेटी में शामिल वरिष्ठ नेताओं जैसे दिग्विजय सिंह, सीपी जोशी, जनार्दन द्विवेदी, सुशील कुमार शिंदे और ऑस्कर फर्नांडिस को जगह नहीं दी। राहुल ने नई सीडब्लूसी में युवा नेताओं और कुछ अन्य अनुभवी नेताओं को शामिल किया, जिनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, जतिन प्रसाद, तरुण गोगोई, सिद्धारमैया, शीला दीक्षित, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं।

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