मीट कारोबारी के हत्यारों का सम्मान करने के बाद बोले केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा- हाई कोर्ट ने सजा सस्पेंड की है

मॉब लिंचिंग के दोषियों का सम्मान करने के कारण लोगों के निशाने पर आए केन्द्रीय सिविल एविएशन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने शनिवार को इस संबंध में अपना पक्ष रखा है। जयंत सिन्हा ने ट्वीट के माध्यम से अपनी बात रखी और लिखा कि ‘रामगढ़ मामले में रांची हाईकोर्ट ने जो कि अपील के लिए पहली अदालत है, वहां से आरोपियों की सजा बर्खास्त कर दी गई है और आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। अब इस मामले पर फिर से सुनवाई होगी।’

अपने एक दूसरे ट्वीट में जयंत सिन्हा ने लिखा कि ‘उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। बदकिस्मती से कई लोग मेरी कारवाई को लेकर गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। मैंने ये सम्मान कानून प्रक्रिया के तहत ही किया है। जो लोग निर्दोष हैं, उन्हें रिहा किया जाएगा और जो इस मामले में दोषी हैं, उन्हें दंडित किया जाएगा।’ बता दें कि बीते साल जून माह में रामगढ़ इलाके के बाजारटांड गांव में गुस्साई भीड़ ने एक मीट कारोबारी अलीमुद्दीन उर्फ असरगर अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। भीड़ ने बाद में मृतक के वाहन में भी आग लगा दी थी। मृतक पर आरोप था कि वह अपनी गाड़ी में बीफ लेकर जा रहा था।

इसके बाद इस मामले में रामगढ़ की एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 11 लोगों को इस मामले में दोषी सिद्ध किया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी थी। हालांकि बाद में मामला हाईकोर्ट गया, जहां हाईकोर्ट ने दोषियों की सजा पर रोक लगा दी थी और उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट अब मामले पर फिर से सुनवाई करेगा। ऐसे में झारखंड की हजारीबाग लोकसभा सीट से सांसद जयंत सिन्हा ने जमानत पर रिहा चल रहे आरोपियों को अपने घर बुलाया और वहां उन्हें माला पहनाकर उनका सम्मान किया था। जिसे लेकर काफी हंगामा हुआ था और लोगों ने मॉब लिंचिंग के आरोपियों को सम्मानित करने पर केन्द्रीय राज्यमंत्री की खूब आलोचना की थी।

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