मीडिया को नसीहत देते हुए बोले केंद्रीय मंत्री गडकरी- ठाकरे ने कहा था, पूरी तरह निर्दोष थे संजय दत्त
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कलम की ताकत परमाणु बम से भी ज्यादा घातक होती है। उन्होंने कहा कि संजू फिल्म ने दिखाया कि मीडिया, पुलिस और न्यापालिका में किसी को लेकर कुछ धारणाएं कैसे उस व्यक्ति को बुरी तरह प्रभावित करतीं हैं। वह नागपुर में 30 गायकों के सम्मान समारोह में बोल रहे थे।इस दौरान कला और कलाकारों के समाज में किए योगदान पर चर्चा करते हुए उन्होंने संजू को सुंदर फिल्म करार दिया।गडकरी ने कहा-मैने फिल्म देखी। यह सुंदर फिल्म है।फिल्म दिखाती है कि कैसे किसी के बारे में मीडिया, पुलिस और न्यायापालिका में गलत धारणाएं किसी की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित करतीं हैं।सुनील और संजय दत्त दोनों की जिंदगी को इन गलत धारणाओं ने काफी परेशान किया।
नितिन गडकरी ने पुरानी बातों को याद करते हुए कहा कि स्वर्गीय बाला साहब ठाकरे ने एक बार मुझसे कहा था कि संजय दत्त पूरी तरह निर्दोष थे।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं हमेशा कहता हूं कि मीडिया को किसी बैंक या व्यक्ति के बारे में लिखते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। कोई व्यक्ति पूरी जिंदगी लगा देता है एक मुकाम पाने में, मगर संबंधित व्यक्ति के बारे में फैली गलत धारणाओं के चलते कुछ ही पल में यह मुकाम धराशायी हो जाता है। गडकरी ने कहा कि उनका मानना है कि कलम की ताकत परमाणु बम की ताकत से ज्यादा खतरनाक है।
नितिन गडकरी का यह जवाब ऐसे वक्त में आया है, जब तमाम लोग संजय दत्त को आतंकवादी कहते हैं और उन पर फिल्म बनाए जाने पर सवाल खड़े करते हैं।इसमें ज्यादातर दक्षिणपंथी संगठनों के लोग फिल्म का बहिष्कार करने की बात कह चुके हैं। संजय दत्त वर्ष 1993 में घर में एके-56 जैसा अवैध हथियार रखने के जुर्म में गिरफ्तार हुए थे। उन पर टाडा कानून के तहत कार्रवाई हुई थी।ऐसा कहा जाता है कि मुंबई में 1993 के बम धमाको के लिए आए हथियारों में से संजय दत्त के घर मिला एके-56 भी उनमें से एक था।हालांकि बाद में अदालत ने टाडा की धारा खारिज कर दी थी। मगर आर्म्स एक्ट के उल्लंघन में छह साल जेल की सजा हुई थी। 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने सजा घटाकर पांच साल कर दी। 2016 में संजय दत्त जेल से बाहर आए। बता दें कि नितिन गडकरी ने हाल में एक बार और मीडिया रिपोर्टिंग पर भौहें टेढीं की थीं, जब उन्होंने भगोड़े विजय माल्या के पक्ष में बोलते हुए कहा था कि व्यापार में असफलता के कारणों पर भी विचार करान जरूरी है।