मुंह सिल कर जिंदा जला देती थी यह लेडी सीरियल किलर, तड़पाने के लिए जमा कर रखे थे कई औजार
इतिहास में ऐसी कई सीरियल किलिंग की घटनाएं हुई हैं जिनके बारे में जानकर आज भी लोग सिहर जाते हैं। आज हम आपको ऐसे ही सीरियल किलर के बारे में बता रहे हैं जिसने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थी। हम बात कर रहे हैंमैरी डेल्फिन ललौरिए की। यह सीरियल किलर महिला अपने नौकरों को तड़पा-तड़पाकर उनकी जान लेती थी। खबरों की मानें तो मैरी डेल्फिन ललौरिए काले रंग वाले नौकरों को जिंदा जला देती थी। नौकरों को मारने से पहले उनके मुंह तक सिल दिए जाते थे।
मैरी डेल्फिन ललौरिए का जन्म सन् 1775 में अमेरिका के न्यू ऑरलियन्स, लुइसियाना में हुआ था। डेल्फिन ललौरिए 5 भाई बहनों में से एक थी। डेल्फिन साल 1820 के आसपास न्यू ओरलीन्स में अपने पति और बच्चों के साथ रहती थी। डेल्फिनकी जिंदगी शुरू से काफी शाही अंदाज से गुजरी थी। शादी के बाद वह न्यू ऑरलियन्स में रॉयल स्ट्रीट मेनशन में रहती थी। यह हवेली जो कभी शाही अंदाज की पहचान हुआ करती थी वह बाद में लोगों की लाशों की वजह से पहचानी जाने लगी थी।
डेल्फिन ने यहां 1831 से 1834 में काले रंग के लोगों को नौकरी पर रखा और बाद में तड़पा-तड़पाकर मौत के घाट उतार दिया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस सीरियल किलर महिला ने नौकरों को तड़पाने के लिए कई तरीके के औजार जमा किए हुए थे। कहा जाता है कि डेल्फिन नौकरों को मारने से पहले उनके मुंह तक सिल देती थी, उन्हें जिंदा जला देती थी और उनके शव को महीनों तक टंगा छोड़ देती थी।
सन् 1834 तक उसके खिलाफ कभी कोई सबूत नहीं मिला लेकिन उसी दौरान एक बार उसके घर में आग लग गई। आग बुझाने पहुंची फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने उसके घर में 70 साल की एक बूढ़ी महिला चेन से बंधी हुई पाई गई।
बाद में उसने कबूल किया था कि डेल्फिन की सजा से बचने के लिए उसने खुद को आग लगाकर मारने की कोशिश की थी। इस आग की वजह से डेल्फी पर कई सवाल उठे थे और इसके बाद सीरियल किलर मैरी डेल्फिन ललौरिए के गुनाहों का पता चला था। हालांकि जब तक पुलिस उसके खिलाफ सबूत इक्ट्ठे करती तब तक डेल्फिन वहां से भाग चुकी थी। इसके कई साल बाद पता चला कि डेल्फिन न्यू ऑरलियन्स से भागकर पेरिस में रहने लगी थी। जहां 7 दिसंबर, 1842 को सूअर का शिकार करते हुए दुर्घटना में उसकी मौत हो गई थी।