मुख्तार अब्बास नकवी ने की शिव की पूजा, उलेमा ने पूछा- अल्लाह को क्या जवाब देंगे?

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी शिव की आराधना करके देवबंदी उलेमा के निशाने पर आ गए। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मदरसा दारुल उलूम अशरफिया के मौलाना सालिम अशरफ कासमी ने कहा है कि शिव की पूजा करने वाले नकवी दिल पर हाथ रखकर बताएं कि वह अल्लाह को क्या जवाब देंगे। स्थानीय मीडिया के अनुसार, मौलाना ने कहा कि हिंदू बिना नमाज पढ़े और मुस्लिम बिना मंदिर गए भी भाईचारे और सद्भाव से रह सकते हैं। उन्होंने पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नकवी के द्वारा शिवलिंग पर दूध चढ़ाए जाने को गलत करार दिया और कहा कि हमारे नबी ने कहा है कि जो जिस धर्म की पूजा करेगा, वह उसी का हो जाएगा। मौलाना ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नकवी दिल में कुछ रखते हैं और करते कुछ हैं, क्या इस तरह से वह अमन-चैन और भाईचारा कायम करेंगे। उन्होंने कहा कि आपस में प्यार बढ़ाने के लिए जरूरी यह है कि बिना किसी के धर्म में दखल दिए उसके साथ हमदर्दी रखी जाए। उन्होंने नकवी की शिव-पूजा को इस्लाम के खिलाफ बताया।

बता दें कि सोमवार (12 फरवरी) को मुख्तार अब्बास नकवी ने रामपुर के रठोंडा में बागेश्वर शिव मंदिर में शिवलिंग पर दूध चढ़ाया था। नकवी रठोंडा में महाशिवरात्रि के पर्व पर आयोजित किए गए किसान मेले में शामिल होने पहुंचे थे। मंदिर में पूजा-आराधना करने और किसानों के सम्मेलन में शामिल होने की तस्वीरें खुद मुख्तार अब्बास नकवी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से साझा की गई थीं। नकवी की शिव-पूजा करने वाली तस्वीरें वायरल हो गई थीं। किसानों को संबोधित करते हुए नकवी ने ट्वीट में लिखा था कि महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर आयोजित यह मेला भारत की संस्कृति-सद्भाव की साझी विरासत का प्रतीक है।

नकवी मूल रूप से रामपुर के ही रहने वाले बताए जाते हैं। शिव-पूजा के बाद नकवी ने कहा था कि सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। किसानों को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा था कि महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर आयोजित यह मेला भारत की संस्कृति-सद्भाव की साझी विरासत का प्रतीक है। अभी केंद्रीय मंत्री की तरफ से उन पर सवाल खड़े करने वाले देवबंदी उलेमा के लिए कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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