‘मुगल-ए-आजम’ के सेट पर होती थीं दो मधुबालाएं, एक असली और दूसरी…जानिए पूरा किस्सा
फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ तो आपने देखी होगी। अनारकली, उनकी एक्टिंग और डांस भी याद होगा। खासकर ‘जब प्यार किया, तो डरना क्या’ वाले गाने पर। लेकिन उस गाने में दो अनारकलियां थीं। एक असली और दूसरी नकली। फिल्म में मधुबाला ने अनारकली का किरदार निभाया था। फिल्म का गाना शूट किया जाना था- ‘जब प्यार किया, तो डरना क्या’। मधुबाला ने इसमें शानदार डांस किया था, जिसका जिक्र आज भी मिसाल के तौर पर किया जाता है।
कम ही लोग जानते हैं कि वह करिश्माई अदाएं मधुबाला की नहीं बल्कि किसी और की थीं। फिल्म के वक्त सेट पर दो मधुबालाएं थीं। दोनों में असली और नकली को पहचनाना तक मुश्किल हो जाता था। दरअसल, जब गाने की शूटिंग के वक्त फिल्म के डायरेक्टर के.आसिफ दो चीजों से परेशान थे। पहला- मधुबाला की तबीयत खराब से। उनके दिल में छेद था। दूसरा- वह अच्छी डांसर नहीं थीं।
के.आसिफ फिल्म में अनारकली को सबसे बेहतरीन डांसर दिखाना चाहते थे। दोनों दिक्कतों के कारण वह सोच में पड़े थे कि करें तो करें क्या। ऐसे में एक मूर्तिकार बी.आर खेड़कर उनकी समस्या का हल करने आए। उन्होंने एक तरीका सुझाया और कहा- मधुबाला के कठिन स्टेप्स एक प्रोफेशनल डांसर कराइए, जिसके चेहरे पर उन्हीं का मुखौटा होगा। खेड़कर ने मधुबाला को सामने खड़ा करा कर मुखौटे की डिजाइन बनाई। फिर पिघली रबड़ से उसे तैयार किया गया। तब मशहूर डांसर लक्ष्मी नारायाण को वह मधुबाला का मुखौटा पहनाया गया। वह सेट पर पहुंचे, तो असली मधुबाला को पहचानना मुश्किल हो गया था।
ऐसा ही एक और किस्सा तब सामने आया, जब दिलीप कुमार का मुखौटा पहने जूनियर आर्टिस्ट को देखकर के.आसिफ धोखा खा गए थे। एक दिन उन्हें दिलीप साहब सेट पर दिखे। उनकी उस दिन शूटिंग नहीं थी। आसिफ बोले- आज आपकी शूटिंग है ही नहीं। जब उन्होंने मुखौटा उतारा, तो वह कोई और निकला। वह एक जूनियर आर्टिस्ट था। सेट पर इस दौरान वहां सब हंस रहे थे।