मुजफ्फरपुर कांड: ब्रजेश ठाकुर के पास मिली पर्ची में मंत्री समेत कई रसूखदारों के नंबर, बेटे से 4 घंटे पूछताछ

बिहार पुलिस को शनिवार (11 अगस्त) को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के पास से 40 मोबाइल फोन नंबर की सूची मिली है। ब्रजेश ठाकुर मुजफ्फरपुर में बालिका आश्रय गृह में 34 बच्चियों से दुष्कर्म मामले में मुख्य आरोपी है। 40 फोन नंबरों की इस सूची में एक मंत्री भी शामिल है, जिससे ब्रजेश ठाकुर की लगातार बात होती थी। फोन नंबर की ये पर्ची उस वक्त बरामद किये जब मुजफ्फरपुर के शहीद खुदी राम बोस सेंट्रल जेल पर पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ने छापा मारा था। पुलिस ने कहा कि अधिकारियों ने ठाकुर को उस जगह पर देखा जहां लोग कैदियों से मिलने आते हैं। वहां से उन्हें ब्रजेश ठाकुर की तलाश के दौरान हाथ से लिखी दो पर्चियां मिलीं जिसमें 40 मोबाइल नंबर थे। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि सूची में एक मंत्री सहित कई प्रमुख लोगों के नाम हैं। ब्रजेश ठाकुर को 2 जून को गिरफ्तार किया गया था।

मिठनपुरा पुलिस स्टेशन के एसएचओ विजय कुमार राय ने बताया कि फोन नंबरों की पहचान की जा रही है। हालांकि पुलिस अधिकारी ने नामों को बताने से इनकार कर दिया। एक सूत्र ने बताया कि सेलफोन नबंरों से रेप केस की जांच में मदद मिलेगी। वही शनिवार को ही इसी मामले में सीबीआई ने ब्रजेश ठाकुर के बेटे राहुल आनंद से चार घंटे तक लंबी पूछताछ की। सीबीआई टीम ने 11 घंटे तक मुजफ्फरपुर स्थित ब्रजेश ठाकुर के घर की तलाशी ली, इसके बाद राहुल आनंद से पूछताछ के बाद उसे हिरासत में लिया। सीबीआई की टीम ठाकुर के साहू रोड स्थित आवास पर सुबह करीब नौ बजे पहुंची और रात आठ बजे के करीब उसके बेटे राहुल आनंद के साथ वहां से रवाना हुई। हालांकि बाद में सीबीआई ने उसे छोड़ दिया।

ब्रजेश ठाकुर के बेटे राहुल आनंद (सादे शर्ट में बीच में) से सीबीआई ने 11 अगस्त को पूछताछ की।

राहुल आनंद, हिंदी दैनिक ‘‘प्रात: कमल’’ का प्रकाशक और संपादक है जो उसके आवासीय परिसर और आश्रय गृह के अंदर ही स्थित है। केंद्रीय जांच ब्यूरो के डीआईजी अभय कुमार के नेतृत्व में टीम सशस्त्र कमांडो के साथ मुजफ्फरपुर के साहू रोड स्थित ठाकुर के आवास पर पहुंची। परिसर में घुसने के बाद कमांडो ने अंदर से मुख्य दरवाजा बंद कर दिया जिससे मीडिया और आसपास मौजूद लोग अंदर नहीं घुस पाए। समझा जाता है कि सीबीआई की टीम ने सील खोलकर आश्रय गृह की जांच की और दस्तावेजों एवं अन्य सामग्री को इकट्ठा किया। फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ सीबीआई की टीम ने घर के पीछे की जगह की भी जांच की जिसकी पिछले महीने पुलिस ने खुदाई की थी।

बता दें कि आश्रय गृह में रहने वाली लड़कियों ने आरोप लगाए थे कि कुछ वर्ष पहले कर्मचारियों ने एक लड़की को पीट-पीट कर मार डाला था और उसके शव को घर के पिछले हिस्से में दफना दिया था जिसके बाद पुलिस ने वहां खुदाई की थी। दिन भर चली खुदाई में कुछ भी असंगत नहीं पाया गया और आठ फुट गहरे गड्ढे को फिर से भर दिया गया।इस बीच, सीबीआई ने भारी अर्थ मूवर मशीनों को वहां तैनात किया, लेकिन दिन में कोई खुदाई नहीं की गई।

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